नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने दावा है किया कि रूस में नौकरी की तलाश में गए 14 भारतीय युवक लापता हैं. इन युवाओं को रोजगार का लालच देकर विदेश भेजा गया था, लेकिन बाद में उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया. ये सब पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया. उनके साथ पंजाब के दो परिवार भी मौजूद थे, जो अपने भाइयों के एक साल से भी ज्यादा समय से लापता होने की कहानी सुना रहे थे. वड़िंग ने कहा कि दिसंबर 2023 में 126 युवक विदेश भेजे गए, जिन्हें सिंगापुर, मलेशिया और इटली पहुंचाने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें रूस के मास्को ले जाया गया.
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राजा वड़िंग ने बताया कि इन युवाओं को विदेश भेजने वाले एजेंटों ने प्रति व्यक्ति करीब 30 से 35 लाख रुपये तक वसूले. पंजाब के एक युवक जगदीप सिंह के भाई ने 31.4 लाख रुपये चुकाए, लेकिन न नौकरी मिली न कोई स्थायी ठिकाना. एजेंटों ने उन्हें धोखे से रूस पहुंचाया और बाद में वो युवक वहां रूसी सेना में भर्ती कर दिए गए, जहां उनका कोई सुराग नहीं है. कुल 126 में से लगभग 100 युवक वापस लौट चुके हैं, लेकिन 14 अब भी लापता हैं. यह न सिर्फ एक मानवीय संकट है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी गंभीर उल्लंघन है.
पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार इन युवाओं की घर वापसी के लिए कोई गंभीर कदम उठा रही है? क्या रूस से पूछा गया कि भारत के नागरिकों को उसकी सेना में कैसे भर्ती किया गया? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या उन एजेंटों पर कोई कार्रवाई हुई है जो रूस की मिलीभगत से भारतीय युवाओं को भेज रहे हैं और उनकी जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं?
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राजा वड़िंग ने इस पूरी घटना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमृत काल के दावे पर सवाल बताते हुए कहा कि देश के युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर ठगा जा रहा है, और सरकार चुप बैठी है. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक राज्य की नहीं बल्कि पूरे देश की चिंता का विषय है. क्योंकि लापता लोगों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के युवक शामिल हैं. कांग्रेस ने मांग की है कि विदेश मंत्रालय इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और 14 लापता भारतीयों को जल्द से जल्द वापस लाया जाए.