Gujarat में बारिश का कहर जारी, 24 घंटे में 14 लोगों की मौत

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Gujarat में बारिश का कहर जारी, 24 घंटे में 14 लोगों की मौत

अहमदाबाद : दक्षिण गुजरात (Gujarat) और कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में बारिश संबंधी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई, तथा 31,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि बारिश से हुए नुकसान के कारण कच्छ, नवसारी और डांग जिलों में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हैं. उन्होंने बताया कि बारिश की वजह से 51 राज्य राजमार्ग और 400 से अधिक पंचायत मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

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गुजरात में पिछले 24 घंटे में बारिश संबंधी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हुई है. इनमें से नौ लोगों की मौत डूबने के कारण हुई. मंत्री के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है, ताकि लोगों को बारिश के कारण हुए नुकसान से निपटने के वास्ते नकद तथा अन्य राहत सामग्री के लिए अधिक इंतजार ना करना पड़े. स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (SIOC) के अनुसार, बुधवार को सुबह छह बजे से 10 बजे के बीच चार घंटे में जूनागढ़, गिर सोमनाथ, डांग और अमरेली में 47 मिमी से 88 मिमी के बीच बारिश हुई.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के जिलों के लिए भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. दक्षिण गुजरात में कच्छ, भरूच, डांग, नवसारी और तापी जिलों के कई इलाकों में बुधवार को सुबह छह बजे तक पिछले 24 घंटे में बेहद भारी बारिश हुई.

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एसईओसी के अधिकारियों ने बताया कि सौराष्ट्र क्षेत्र के राजकोट, गिर सोमनाथ, अमरेली और जामनगर जिलों में अत्यंत भारी बारिश हुई. बाढ़ प्रभावित इलाकों से कुल 31,035 लोगों को निकाला गया, जिनमें से 21,094 लोग अब भी अपने-अपने जिलों के आश्रय गृहों में हैं और 9,941 लोग अपने घर लौट गए हैं.

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को छोटा उदयपुर जिले के बारिश प्रभावित बोडेली कस्बे और कुछ अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया था. मंत्री ने बताया कि भारी बारिश के कारण राज्य के विभिन्न जलाशयों में जल स्तर बढ़ गया है, जिनमें से 30 जलाशय अपनी कुल क्षमता के 70 प्रतिशत या उससे अधिक तक भर चुके हैं. प्रदेश का सबसे बड़ा सरदार सरोवर बांध भी अपनी कुल क्षमता का 48 प्रतिशत तक भरा हुआ है.

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