नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल द्वारा दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों को सोमवार को सदन से बाहर कर दिया गया। भाजपा के विधायक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने और सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट, आबकारी नीति 2021-22 सहित विभिन्न मुद्दों पर संक्षिप्त चर्चा की मांग कर रहे थे।
विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिरला द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की मांग खारिज किए जाने के बाद भाजपा विधायक सदन में आसन के सामने आ गए। बिरला ने इसके बाद उन्हें पूरे दिन के लिए सदन से बाहर जाने को कहा। बाद में उन्हें मार्शल की मदद से बाहर निकाला गया।
केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि विपक्षी दल का उनकी सरकार को गिराने का ‘आॅपरेशन लोटस’ विफल हो गया है, क्योंकि वह आप के किसी विधायक को नहीं तोड़ पाई। केजरीवाल ने कहा था, ‘‘मैं विधानसभा में विश्वास मत लाना चाहता हूं ताकि दिल्ली के लोगों के सामने यह साबित किया जा सके कि भाजपा का ‘आॅपरेशन लोटस दिल्ली’ ‘आॅपरेशन कीचड़’ बन गया है।’’ उन्होंने कहा था कि भाजपा की लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं है और उसका ‘आॅपरेशन लॉटस’ धोखे से सत्ता हथियाने का तरीका है।
वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए केजरीवाल पर राजनीतिक प्रचार के लिए विधानसभा का इस्तेमाल करने तथा अपनी सरकार के शराब ‘‘घोटाले’’ से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए नाटक करने का आरोप लगाया। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 62 और भाजपा के आठ विधायक हैं।