न्यूयॉर्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारतीय राजनीति और भारतीय क्रिकेट टीम इस बात का सबसे समावेशी उदाहरण एवं साक्ष्य हैं कि लोकतंत्र मजबूत हुआ है और यह वास्तव में कारगर है। जयशंकर ने ‘इंडो-अमेरिकन आर्ट्स काउंसिल’ (एआईआईसी) के उपाध्यक्ष राकेश कौल के साथ बातचीत के दौरान कहा कि भारतीय संसद, मंत्रिमंडल, राजनीति में काम कर रहे लोगों और क्रिकेट टीम को देखिए और ‘‘अपने आप से पूछिए, ये लोग 20 साल या 10 साल या 30 साल पहले जो थे, उससे उनकी तुलना कीजिए। हमारा राजनीतिक वर्ग कितना संकुचित था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप मुझसे पूछें, तो मेरी नजर में लोकतंत्र के वास्तव में गहरे होने और इसके कारगर होने के दो सबसे बड़े समावेशी उदाहरणों में एक उदाहरण भारतीय राजनीति है और दूसरा उदाहरण भारतीय क्रिकेट टीम है।’’
जयशंकर बृहस्पतिवार को यहां एआईआईसी द्वारा आयोजित ‘मोदी एट द रेट 20: ड्रीम्स मीट डिलिवरी’ किताब पर विशेष चर्चा के दौरान भारतीय लोकतंत्र में प्रतिंिबबित होने वाली समावेशिता को लेकर एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। मंत्री ने कहा, ‘‘वैसे मैं, किसी की क्षमता को नहीं आंक रहा। वे बहुत ही प्रतिभाशाली लोग हैं, उनमें से कई ने बहुत शानदार काम किए हैं और मैं उन्हें लेकर किसी संशय में नहीं हूं। मैं एक बुनियादी अवलोकन कर रहा हूं कि यदि आज आप राजनीति में मौजूद लोगों का मूल देखें, यदि आप उदाहरण के तौर पर, भारत की संसद को देखें, आप देखिए कि वे किस शहर से आए हैं, उन्होंने कहां पढ़ाई की, उनकी पृष्ठभूमि क्या है, वे किस भाषा में सबसे सहज है, उनकी सामाजिक आदतें क्या हैं, तो ये बहुत, बहुत अलग हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यही बात भारतीय क्रिकेट टीम पर भी लागू होती है।’’ यह पूछे जाने पर क्या यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाए हैं, जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं दरअसल यह कहूंगा कि मोदी स्वयं इस बदलाव का परिणाम हैं। उनके जैसे किसी व्यक्ति का अंतत: भारत का प्रधानमंत्री बन पाना स्वयं दर्शाता है कि देश में कितना बदलाव आ चुका है।’’
उन्होंने कहा कि वह परिचर्चाओं में सुनते-पढ़ते हैं कि दुनिया भर में लोकतंत्र की क्या स्थिति है और विभिन्न लोग अपनी पसंद के अनुसार देशों पर ठप्पा लगाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में मतदान करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में और भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की प्रामाणिकता देखिए। यह ऐसा देश है, जहां चुनावों का सम्मान किया जाता है। लोग जीतते हैं, लोग हारते हैं, कोई इस प्रक्रिया को चुनौती नहीं देता।’’ उन्होंने दर्शकों के हंसी के ठहाकों के बीच कहा कि वह केवल भारत की बात कर रहे हैं और लोगों को इसका और कोई मतलब नहीं निकालना चाहिए।