कोविड-19 टीकों को ‘निर्दिष्ट बीमारियों’ में जोड़ने से बच्चों में वैक्सीनेशन की गति बढ़ सकती है

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ओंटारियो: मेरे शोध में बच्चों में वैक्सीनेशन के नैतिक और कानूनी पहलू और नीतिगत निहितार्थ शामिल हैं। बच्चों पर कोविड-19 के प्रभाव का उस शोध पर प्रभाव पड़ता है। और ये प्रभाव बदलते दिखाई दे रहे हैं, जिससे बच्चों में व्यापक रूप से कोविड-19 वैक्सीन की आवश्यकता और अधिक जरूरी हो गई है।

महामारी की शुरुआत में, सबूत बताते थे कि बच्चों को आमतौर पर गंभीर कोविड-19 संक्रमण नहीं होता है। वह गुलाबी तस्वीर अब फीकी पड़ रही है। उभरते हुए शोध संकेत देते हैं कि बच्चों की संवेदनशीलता पर सार्स-कोव-2, वायरस, जो कोविड-19 का कारण बनता है, की “आवृत्ति और गंभीरता” महामारी के दौरान बढ़ गई है।

ब्रिटिश कोलंबिया के लोअर मेनलैंड के एक नए जारी किए गए अध्ययन में 19 वर्ष से कम उम्र के लोगों में संक्रमण में नाटकीय वृद्धि का पता चला है। ओमिक्रॉन संस्करण के साथ बच्चों में इसके संक्रमण में यह वृद्धि कनाडा के अन्य हिस्सों और इसके बाहर हुई यह वृद्धि अनुमानों के अनुरूप है।

बच्चों में संक्रमण की बढ़ती आवृत्ति अनिवार्य रूप से गंभीर परिणामों के साथ अधिक संख्या में मामले सामने लाएगी, जिसमें अस्पताल में भर्ती होना और मृत्यु भी शामिल है। कुछ अन्य बीमारियां भी झेल रहे बच्चे विशेष रूप से कोविड-19 के गंभीर परिणामों की चपेट में होंगे।

इससे बचने के लिए किसी एक निवारक उपाय पर जोर देने की बजाय मास्क लगाने सहित एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जाती है। वायरस के नये संस्करणों के उभरने की आशंका के साथ यह और भी महत्वपूर्ण है।

इन सब के बावजूद अगर संक्रमण होता है तो गंभीर परिणामों से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे अच्छे साधनों में से एक है। इसके अतिरिक्त, टीकाकरण से लंबे समय तक होने वाले कोविड की संभावना कम हो सकती है। ओंटारियो सरकार 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की सिफारिश करती है।

हालांकि ओंटारियो ने कुछ स्कूल बोर्डों और विपक्षी उदारवादियों और एनडीपी के समर्थन के बावजूद, स्कूल विद्यार्थियों के अपने टीकाकरण अधिनियम में “नामित बीमारियों” की सूची में कोविड-19 को जोड़ने से इनकार कर दिया।

उस निर्णय पर फिर से विचार करने का समय आ गया है। अधिनियम में कोविड-19 को जोड़ने से स्कूल में प्रवेश के लिए कोविड-19 टीकाकरण अनिवार्य नहीं होगा। क्या बचपन के टीके अनिवार्य होने चाहिए, यह एक अलग बहस है। लेकिन फिर भी, यह प्रांत के स्कूली आयु वर्ग के बच्चों के बीच कोविड-19 वैक्सीनेशन को तेज को करने में मदद कर सकता है।

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