करगिल. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिवाली का त्योहार जवानों के साथ कारगिल में मनाया. उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत ने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है. लेकिन, सशस्त्र बलों के पास देश पर बुरी नजर रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत और रणनीति है. मोदी ने यहां सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए 1999 में करगिल संघर्ष के बाद इस सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा को भी याद किया, जब भारतीय सेना ने ‘‘आतंक के फन को कुचला था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है, जब करगिल ने विजय पताका नहीं फहराया है.’’ उन्होंने कहा कि दिवाली ‘‘आतंक के अंत के उत्सव’’ का प्रतीक है. मोदी ने देश की सीमा पर दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए कहा, ‘‘मैंने करगिल युद्ध को करीब से देखा है. यह मेरा कर्तव्य था जो मुझे उस समय करगिल ले आया था. उस समय की कई यादें हैं, जब जीत की आवाज चारों ओर गूंज रही थी.’’
महिलाओं को शामिल कर सुधार लागू किए- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘करगिल में हमारे सशस्त्र बलों ने आतंक का फन कुचल दिया था और लोगों को अब भी उस समय मनाई गई दिवाली याद है.’’ उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में, सरकार ने नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और बलों में महिलाओं को शामिल कर सशस्त्र बलों में सुधारों को लागू करने पर काम किया है. ‘‘सशस्त्र बलों में महिलाओं के शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ेगी.’ ’सशस्त्र बलों में दशकों से सुधार की जरूरत थी, जिन्हें अब लागू किया जा रहा है.