श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने शनिवार को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ओशनसैट) को सफलतापूर्वक ध्रुवीय कक्षा (सन-ंिसक्रोनस आॅर्बिट) में स्थापित कर दिया। इसरो ने बताया कि 44.4 मीटर लंबा रॉकेट 25.30 घंटे की उलटी गिनती के बाद यहां स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पूर्वाह्न 11 बजकर 56 मिनट के पूर्व निर्धारित समय पर अपने अभियान पर रवाना हुआ। पीएसएलवी-सी54 के प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद इच्छित कक्षा में पहुंचने पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह या ओशनसैट सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया और उसे कक्षा में स्थापित कर दिया गया।
इसरो ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पीएएसएसवी-सी54/ईओएस-06 मिशन : पृथ्वी अवलोकन उपग्रह(ईओएस)-06 के अलग होने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई। अंतरिक्ष यान समान्य रूप से काम कर रहा है और मिशन जारी है।’’ वैज्ञानिक पीएसएलवी-सी54 के साथ गए अन्य उपग्रहों को एक अलग कक्षा में स्थापित करने के लिए रॉकेट को नीचे करेंगे और इस कवायद में दो घंटे का समय लगने की उम्मीद है।
मिशन नियंत्रण केंद्र में अपने संबोधन में इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि ईओएस-06 को अभीष्ट कक्षा में सटीक रूप से स्थापित करने की उपलब्धि सफलतापूर्वक हासिल कर ली गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह भी देखा कि इस मिशन में सभी चरणों और कार्यों में रॉकेट का प्रदर्शन बहुत अच्छा था। अपनी लंबी यात्रा की श्रृंखला में एक और सफल मिशन के लिए पीएसएलवी की पूरी टीम को बधाई।’’
सोमनाथ ने कहा कि वैज्ञानिकों ने वास्तव में 11.56 बजे प्रक्षेपण के बाद 1,032 सेकंड (करीब 17 मिनट) में पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को स्थापित करने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि रॉकेट ने उपग्रह को लगभग 742 किलोमीटर की ऊंचाई पर 1,033 सेकंड में सफलतापूर्वक स्थापित किया।
मिशन निदेशक एस आर बीजू ने कहा, ‘‘मिशन पूरा नहीं हुआ है और हम शेष आठ उपग्रहों के साथ ऊपरी चरण की कक्षा में बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ईओएस-6 उपग्रह को ‘यथासंभव सटीक’ कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। ईओएस-6 ओशनसैट श्रृंखला में तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है। इसका उद्देश्य उन्नत पेलोड विनिर्देशों के साथ-साथ अनुप्रयोग क्षेत्रों के साथ ओशनसैट -2 अंतरिक्ष यान की सेवाओं को निरंतर रखना है।