जल्लीकट्टू : 14 साल के बच्चे की सांड ने पटक-पटककर ले ली जान

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जल्लीकट्टू : 14 साल के बच्चे की सांड ने पटक-पटककर ले ली जान

तमिलनाडु : मकर संक्रांति के पर्व के साथ ही तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन भी शुरू हो गया है। लोग जहां इस खेल में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं वहीं यह अब जानलेवा भी साबित होने लगा है। ताजा मामला है तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले का जहां सांडों को काबू करने का खेल ‘जल्लीकट्टू’ देखने आए एक 14 वर्षीय लड़के को सांड ने पटक-पटककर मार डाला। कार्यक्रम थाडांगम गांव में आयोजित किया गया था।

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मिली जानकरी के मुताबिक, घटना के वक्त गोकुल अपने रिश्तेदारों के साथ जल्लीकट्टू देखने गया था। एक बैल ने उसके पेट पर वार कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। गोकुल को तुरंत धर्मपुरी सरकारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया।

वहीँ धर्मपुरी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फुटेज की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि गोकुल कैसे घायल हुआ था। गोकुल इस साल जल्लीकट्टू खेल के दौरान जान गंवाने वाला चौथा व्यक्ति है।

जानिए जल्लीकट्टू क्या है?

जल्लीकट्टू जनवरी के मध्य में पोंगल की फसल के समय खेला जाने वाला एक लोकप्रिय खेल है। विजेता का फैसला इस बात से तय होता है कि एक टैमर बैल के कूबड़ पर कितने समय तक रहता है। यह आमतौर पर तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के हिस्से के रूप में प्रचलित है, जो चार दिवसीय फसल उत्सव के तीसरे दिन होता है। तमिल शब्द ‘मट्टू’ का अर्थ बैल होता है, और पोंगल का तीसरा दिन मवेशियों को समर्पित होता है, जो खेती में एक प्रमुख भागीदार हैं।

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