नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही रविवार को इतिहास रचेंगे। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे और पहले गैर-कांग्रेसी नेता होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह में मोदी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। मोदी के साथ मंत्रिपरिषद के सदस्य भी शपथ लेंगे। सात राष्ट्रों के शासनाध्यक्ष, कई देशों के राजदूत-उच्चायुक्त, देश के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट हस्तियां सहित करीब आठ हजार लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे।
इसे भी पढ़ें :-संस्कृत मंडलम की परीक्षा में गंभीर अनियमितता उजागर : कांग्रेस
वहीँ, भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जैसे शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल और सर्बानंद सोनोवाल को भी मंत्री पद के प्रबल दावेदारों में माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राममोहन नायडू, जदयू के ललन सिंह, संजय झा व लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान उन सहयोगियों में शामिल हैं, जो नई सरकार का हिस्सा हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, तेदेपा के तीन, जदयू के दो व अन्य सहयोगी दलों के एक-एक मंत्री शपथ ले सकते हैं।
इसे भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत के पुरोधा खुमान साव की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन
निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को शपथ लेने से पहले सुबह सात बजे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को नमन किया। इसके बाद, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक सदैव अटल व राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए जी20 शिखर सम्मेलन जैसी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। रविवार को दिल्ली हाई अलर्ट पर रहेगी। राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। अर्धसैनिक बलों और दिल्ली सशस्त्र पुलिस की पांच कंपनियों समेत 2,500 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया गया है। इसके अलावा, एनएसजी कमांडो, ड्रोन व स्नाइपर्स के साथ बहुस्तरीय सुरक्षा राष्ट्रपति भवन को कवर करेगी। दिल्ली को पहले ही 9 व 10 जून के लिए नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया था।
इसे भी पढ़ें :-एनडीए की बैठक में शामिल हुए एकनाथ शिंदे…बोले-Shiv Sena और BJP का गठबंधन फेविकोल की तरह मजबूत
वहीँ, नई सरकार में एनडीए के विभिन्न घटकों के लिए मंत्रिपरिषद में हिस्सेदारी को लेकर भाजपा नेतृत्व और सहयोगी दलों के बीच गहन विचार-विमर्श हुआ। अमित शाह और राजनाथ के अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने सरकार में प्रतिनिधित्व को लेकर तेलुगु देशम पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार और शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत सहयोगी दलों से परामर्श किया।
माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय भाजपा के पास रहेंगे, जबकि उसके सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं। आम चुनाव में 17 मंत्रियों के हारने व निकट भविष्य में राज्यसभा चुनाव न होने के कारण नए मंत्रिमंडल में नए-पुराने चेहरों का संतुलन होगा।
इसे भी पढ़ें :-Naveen Patnaik : हमें लोगों के फैसले को विन्रमता से स्वीकार करना चाहिए
इस बार बहुमत से 32 सीटें दूर रही भाजपा 14 सहयोगी दलों पर निर्भर है। इनमें तेदेपा, जदयू, शिवसेना (शिंदे) और लोजपा (रामविलास) के सीटों की संयुक्त संख्या 38 है। ऐसे में इस बार सहयोगी दलों का मजबूत प्रतिनिधित्व दिखेगा। एक दर्जन मंत्री सहयोगी दलों के हो सकते हैं। राज्य के समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा कुछ ऐसे दलों को भी प्रतिनिधित्व देने पर मजबूर है, जिसके सांसदों की संख्या महज एक है।
यूपी की हैसियत हो सकती है कम, जयंत की नुमाइंदगी तय एनडीए के बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों का नई सरकार में दबदबा बढ़ेगा। पर, बीते चुनाव में मंत्रिपरिषद में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व रखने वाले उत्तर प्रदेश की हैसियत घटेगी। यूपी से रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का नाम तय माना जा रहा है। महाराष्ट्र व बिहार अहम रहेंगे। महाराष्ट्र में अक्तूबर, जबकि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे।
मोदी के तीसरे कार्यकाल में सबसे बड़ी चुनौती एनडीए के सहयोगियों के साथ तालमेल की रहेगी। सहयोगियों को साधते हुए उन्हें सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाना और पार्टी के एजेंडे को अमली जामा पहनाना होगा।
विपक्षी नेताओं को न्योता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत विपक्षी नेताओं को शनिवार रात समारोह का निमंत्रण मिल गया। खरगे ने कहा, रविवार सुबह तय करेंगे, जाएं या नहीं। वहीं, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा, वह समारोह में नहीं जाएंगी।
बांग्लादेश की पीएम हसीना पहुंचीं कई राष्ट्राध्यक्ष आज आएंगे
शपथ ग्रहण समारोह के लिए भारत ने पड़ोसी प्रथम नीति व सागर विजन की प्रतिबद्धता के अनुरूप, पड़ोस व हिंद महासागर क्षेत्र के सात राष्ट्रों के प्रमुखों को न्योता दिया है। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफिफ शनिवार को नई दिल्ली पहुंच गए। नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड रविवार को आएंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री पीके जगन्नाथ, भूटानी पीएम शेरिंग तोबगे भी रविवार को भारत पहुंचेंगे। पीएम मोदी सभी नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू समारोह में शामिल होने के लिए रविवार को पहुंचेंगे। मुइज्जू ने कहा, यह मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मेरी पहली भारत यात्रा दर्शाएगी कि द्विपक्षीय संबंध सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों के बीच मुइज्जू का समारोह में आना महत्वपूर्ण है। चीन समर्थक विचारधारा वाले मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।