नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसकी मानसिकता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी है और इसी वजह से उसने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद तथा देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का भी अपमान किया।
प्रधानमंत्री मोदी संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की मानसिकता अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विरोधी है जिसके कारण पार्टी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद जी का अपमान करती रही। इसी मानसिकता के कारण उसने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को भी अपमानित करने, उनका विरोध करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जो कोई नहीं कर सकता है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का रवैया ऐसा रहा है कि जब-जब हार की स्थिति होती है तो दलित नेताओं को आगे कर दिया जाता है और वह परिवार बच कर निकल जाता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘…आपने देखा होगा लोकसभा में स्पीकर (अध्यक्ष) के चुनाव का मसला हुआ, उसमें भी पराजय तय थी लेकिन आगे किसको किया – एक दलित को बलि चढ़ाने का खेल खेला, उनको मालूम था कि वह पराजित होने वाला है लेकिन उन्हें आगे किया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में कांग्रेस ने सुशील कुमार ंिशदे को आगे किया जबकि पराजय तय थी। उन्होंने कहा कि 2017 में राष्ट्रपति चुनाव में हार तय थी उन्होंने मीरा कुमार को लड़ा दिया।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘…. इस बीच हमारे कांग्रेस के लोग भी खुशी में मगन हैं।
मैं समझ नहीं पाता हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? इस पर कई सवाल हैं? क्या यह खुशी हार की हैट्रिक पर है? क्या यह खुशी ‘नर्वस 90’ के शिकार होने पर है? क्या यह खुशी एक और असफल ‘लॉन्च’ की है?’’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं देख रहा था जब खरगे उत्साह, उमंग से भरे नजर आ रहे थे। शायद खरगे जी ने अपनी पार्टी की बड़ी सेवा की है क्योंकि यह पराजय का ठीकरा है, जिन पर फूटना चाहिए था उनको उन्होंने बचा लिया और खुद दीवार बनाकर खड़े हो गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का रवैया ऐसा रहा है कि जब-जब ऐसी स्थिति आती है तो दलित को, पिछड़ों को ही यह मार झेलनी पड़ती है और वह परिवार बचकर निकल जाता है।’’