नई दिल्ली : क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने 2 नवंबर तक तमिलनाडु के 15 जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है. प्रभावित होने वाले जिलों में डिंडीगुल, मदुरै, तिरुचि, करूर, धर्मपुरी, नमक्कल, इरोड, सलेम, वेल्लोर, कृष्णगिरि, तिरुपत्तूर, कल्लाकुरिची, पेरम्बलुर, तिरुवन्नामलाई और अरियालुर शामिल हैं. वहीं गुरुवार को पुडुचेरी और कराईकल में भी मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है. आरएमसी के अनुसार,मन्नार की खाड़ी में मौसमी परिसंचरण (सर्कुलेशन) बारिश का कारण बन रहा है. वहीं दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में यह नीचे की ओर आ रहा है, इससे बारिश की संभावना बन रही है.
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17 अक्टूबर को शुरू हुए पूर्वोत्तर मानसून के चलते पहले से ही तमिलनाडु में काफी बारिश हो चुकी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य के उत्तरी भागों के लिए सामान्य से अधिक वर्षा और दक्षिणी भागों के लिए सामान्य वर्षा का अनुमान लगाया है, हालांकि कई दक्षिणी जिलों में पहले ही भारी बारिश हो चुकी है.
जानिए इन 15 गांवों के लिए बाढ़ की चेतावनी
आईएमडी ने अक्टूबर से दिसंबर तक सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद जताई है और अनुमान लगाया है कि केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सहित दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में 33.4 सेमी की दीर्घकालिक औसत का 112 प्रतिशत वर्षा होगी. तमिलनाडु में आमतौर पर पूर्वोत्तर मानसून अवधि के दौरान औसतन 44 सेमी बारिश होती है. भारी बारिश को देखते हुए, तमिलनाडु जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने थेनपेनई नदी के किनारे बसे 15 गांवों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है.
यह चेतावनी तिरुवन्नामलाई जिले के सथानूर बांध से प्रति सेकंड 1,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण जारी की गई है. तिरुवन्नामलाई में अधिकारियों ने प्रभावित गांवों के निवासियों को नदी के किनारों से दूर सुरक्षित क्षेत्रों में जाने की सलाह दी है. वही स्थानीय पंचायत और राजस्व अधिकारियों को निचले इलाकों से निवासियों को निकालने में मदद करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही निवासियों को बढ़ते जल प्रवाह के कारण नदी पार न करने की चेतावनी भी जारी की गई है.
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हरूर और पप्पीरेड्डीपट्टी क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के साथ-साथ अग्निशमन और बचाव सेवाएं आपात स्थिति के लिए तैयार हैं.जल स्तर 114.5 फीट तक पहुंचने के बाद डब्ल्यूआरडी ने सथानूर बांध से पानी छोड़ना शुरू कर दिया, जो बांध की पूरी क्षमता 119 फीट के करीब है.