डगवेल रिचार्ज विधि से होगा भूजल पुनर्भरण

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डगवेल रिचार्ज विधि से होगा भूजल पुनर्भरण

भोपाल : जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश सरकार ने जल गंगा संवर्धन अभियान में भूजल पुनर्भरण के लिए डगवेल रिचार्ज विधि अपनाने का निर्णय लिया है। इसमें राज्य में एक लाख कुओं को रिचार्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। यह पहल विशेष रूप से कृषकों को रबी की फसलों की सिंचाई हेतु स्थायी जल स्रोत उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगी।

डगवेल रिचार्ज विधि: सरल, प्रभावी और वैज्ञानिक तरीका

डगवेल रिचार्ज विधि उथले जलभृत के पुनर्भरण का एक सरल और सुलभ उपाय है। इस विधि में वर्षा जल को रिचार्ज पिट/फिल्टर के माध्यम से कुंओं में प्रवाहित किया जाता है, जिससे भूगर्भीय जल स्तर में वृद्धि होती है। यह विधि भूजल स्तर बनाए रखने में मदद करती है और लंबे समय तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करती है।

कुओं का चयन और रिचार्ज पिट का निर्माण

इस योजना में उन कुओं का चयन किया जाएगा जिनमें जल स्तर 10 मीटर से अधिक है और जो बरसात के बाद दिसंबर-जनवरी तक जल युक्त रहते हैं। मनरेगा अंतर्गत निर्मित कपिलधारा कुओं को भी इस योजना में सम्मिलित किया जा सकता है, यदि उनमें पूर्व में रिचार्ज पिट का निर्माण नहीं हुआ है।

रिचार्ज पिट/फिल्टर का निर्माण कुंए से 3 से 6 मीटर की दूरी पर किया जाएगा। इसके लिए विशेष संरचना बनाई जाएगी जिसमें विभिन्न आकार के पत्थरों और मोटे रेत की परतें बिछाई जाएंगी, ताकि जल शुद्धिकरण और बहाव में कोई बाधा न आए। पाइप लाइन से यह पानी सीधे कुंए में पहुंचेगा और वहां से प्राकृतिक रूप से जलस्तर को पुनर्भरित करेगा।

समाज की भागीदारी भी होगी अहम

निजी कुओं की सफाई और रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित हितग्राही की होगी, वहीं सार्वजनिक कुओं की देखरेख ग्राम पंचायतें करेंगी। इससे जनभागीदारी सुनिश्चित होगी और जल संरक्षण की भावना जन-जन तक पहुंचेगी। राज्य सरकार का यह प्रयास जल संकट से जूझते ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी समाधान के रूप में उभरेगा। यह अभियान किसानों के जीवन को समृद्ध बनाने में सहायक होगा। जल पुनर्भरण भू-जल संवर्धन और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।

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