Israel-Iran War : इजरायल-ईरान युद्ध के चौथे दिन में प्रवेश करने के साथ ही भारत ने ईरान से अपने नागरिकों को निकालने की पहल की है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, 100 भारतीय नागरिकों का पहला जत्था आर्मेनिया में प्रवेश कर गया है. यह तब हुआ है जब तेहरान ने ईरान में फंसे कम से कम 10,000 छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए नई दिल्ली के अनुरोध का जवाब दिया.
भारत के अनुरोध का जवाब देते हुए, ईरान ने कहा है कि चूंकि उसने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, इसलिए छात्र अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए उसकी भूमि सीमाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने 15 जून को एक एडवाइजरी जारी कर सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों से संपर्क में रहने, अनावश्यक आवागमन से बचने और नवीनतम जानकारी के लिए दूतावास के सोशल मीडिया पेजों को फॉलो करने का आग्रह किया था.
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष ने वैश्विक चिंताओं को भी जन्म दिया है. तेहरान में इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद, इजरायल, अमेरिका और चीन ने तेहरान से नागरिकों को तुरंत निकलने की सलाह दी है. इजरायलकी रक्षा सेना (IDF) ने सोशल मीडिया पर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वे तेहरान के कुछ हिस्सों में “सैन्य बुनियादी ढांचे” पर हमले करने जा रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट किया, ‘हर किसी को तुरंत तेहरान से निकल जाना चाहिए.’ ट्रंप ने लिखा, ‘ईरान को उस ‘समझौते’ पर हस्ताक्षर करना चाहिए था जिस पर हस्ताक्षर करने के लिए मैंने उनसे कहा था. यह कितनी शर्म की बात है और मानव जीवन की बर्बादी है. सीधे शब्दों में कहें तो, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता. मैंने यह बार-बार कहा है. सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए.’
13 जून को शुरू हुआ था संघर्ष
चीन ने भी अपने नागरिकों से इजरायलऔर आसपास के क्षेत्रों से “जॉर्डन के रास्ते” निकलने की अपील की है. यह संघर्ष 13 जून, 2025 को शुरू हुआ, जब इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए. इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल के शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें कम से कम आठ लोग मारे गए और कई घायल हुए.