नई दिल्ली । जुलाना खंड के तहत आने वाले गांव देवरड़ में उस समय हड़कंप मच गया। जब मनरेगा के तहत तालाब की खोदाई कर रहे मजदूरों को तालाब में नर कंकाल और प्राचीन काल के मटके मिले। नर कंकालों को देखकर मजदूर डर गए।
गांव देवरड़ में मनरेगा के तहत गांव के तालाब की खोदाई का कार्य चल रहा था। मजदूरों को खोदाई के दौरान अचानक कुछ मटके दिखाई दिए। जब उन्हें और गहराई में खोदा गया तो वहां मानव कंकाल भी बरामद हुए। तालाब में लगभग 10 से 12 कंकाल अब तक मिल चुके हैं। तालाब में मिले कंकालों की लंबाई सामान्य से ज्यादा है।
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खोदाई के दौरान मिले मानव जबड़े भी काफी बड़े हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंकाल की लंबाई लगभग 8 फीट है। कंकालों की हालत को देखकर लगता है कि यह लगभग 200 साल पुराने हैं।
देवरड़ गांव निवासी राममेहर ने बताया कि आजादी से पहले गांव में मुस्लिम समाज के लोग रहते थे। गांव के तालाब की जगह कब्रिस्तान होता था। तालाब में मिल रहे कंकाल कब्रिस्तान में दफनाए शव हो सकते हैं। बुजुर्गाें ने बताया कि आजादी के बाद भी इस जगह लोग आने से कतराते थे। समय बीतता गया और यहां पर तालाब बन गया।
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मनरेगा एबीपीओ नेहा ने बताया कि तालाब की खोदाई का काम दो माह से चला हुआ है। रोजाना 50 से 60 मजदूर खोदाई का काम करते हैं। तालाब में कुछ मिला है तो मौके पर जाकर जांच की जाएगी।
देवरड़ गांव में मनरेगा स्कीम के तहत तालाब की खोदाई की जा रही है। तालाब में खोदाई के दौरान कंकाल मिले हैं तो काम को रोक दिया है। मौके पर जाकर जांच करने के बाद ही काम दोबारा शुरू किया जाएगा।
-प्रतीक जांगड़ा, बीडीपीओ जुलाना।