ऑनलाइन टोकन और बढ़ी सुविधाओं से टीकाराम साहू बना प्रगतिशील और तकनीक-सक्षम किसान

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ऑनलाइन टोकन और बढ़ी सुविधाओं से टीकाराम साहू बना प्रगतिशील और तकनीक-सक्षम किसान

रायपुर, 22 नवम्बर 2025 : इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था और अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और किसान हितैषी साबित हो रही है। प्रशासन द्वारा डिजिटल नवाचार और सुगम सेवाओं के विस्तार का लाभ सीधे किसानों तक पहुँच रहा है। इसी सकारात्मक परिवर्तन का एक प्रेरक उदाहरण हैं धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम गातापार के प्रगतिशील किसान टीकाराम साहू, जिनका अनुभव जिलेभर के किसानों के लिए मिसाल बन गया है।

ऑनलाइन टोकन से खत्म हुई अनावश्यक भीड़ और प्रतीक्षा

श्री साहू ने सेवा सहकारी समिति कोड़ेबोड में 144 क्विंटल धान विक्रय किया। वे बताते हैं कि इस वर्ष खरीदी व्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव ऑनलाइन टोकन सुविधा है। ‘टोकन तुंहर हांथ’ मोबाइल ऐप के माध्यम से उन्हें बिना किसी भीड़ और कतार में लगे आसानी से टोकन प्राप्त हुआ। निर्धारित समय पर केंद्र पहुँचकर उन्होंने सुचारु रूप से धान की तौल और विक्रय की प्रक्रिया पूरी की।

उन्नत पद्धतियों और आधुनिक कृषि यंत्रों से बढ़ा उत्पादन

इस वर्ष उन्होंने 4 हेक्टेयर में धान की खेती की है। समय पर सिंचाई, वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों और आधुनिक उपकरणों के उपयोग से उनकी पैदावार बेहतर हुई। वे बताते हैं कि पिछले वर्ष के धान की राशि से खरीदा गया जॉन डियर का ट्रैक्टर उनके लिए खेती में बड़ा सहायक सिद्ध हुआ। जुताई, समतलीकरण, कटाई, परिवहन जैसे कार्य अब तेज़, सटीक और कम लागत में हो रहे हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है।

आर्थिक सशक्तिकरण के साथ खुशियाँ भी

धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग वे कृषि ऋण चुकाने, अगली फसल की तैयारी, खाद, बीज की खरीदी और अन्य कृषि कार्यों में करेंगे। साथ ही वे अपने दोनों पुत्रों के विवाह की तैयारी में भी जुटे हैं। मुस्कुराते हुए वे बताते हैं कि इस शुभ अवसर पर वे प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भी निमंत्रण देने की इच्छा रखते हैं।

तकनीक, सुगमता और प्रतिबद्धता से बदला परिदृश्य

टीकाराम साहू का अनुभव यह दर्शाता है कि ऑनलाइन टोकन सुविधा, पारदर्शी प्रक्रिया के तहत खरीदी केंद्र व्यवस्थाएँ और प्रशासन द्वारा किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे संसाधन उनके लिए वास्तविक परिवर्तन ला रहे हैं। धमतरी जिला आज आधुनिक तकनीक, पारदर्शिता और प्रशासनिक प्रतिबद्धता की संयुक्त शक्ति से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय लिख रहा है, जहाँ किसान न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि विकास की मुख्य धारा में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

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