लापरवाही की बदतर मिसाल: झोलाछाप डॉक्टर के इलाज में बच्ची की मौत, गांव में हाहाकार, जिम्मेदारों पर सवाल

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संवाददाता: सुमित जालान

गौरेला-पेंड्रा- मरवाही:- जिले के बिशेषरा गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से 13 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई। मृतका का नाम खुश्बू वाकरे बताया गया है, जो गांव के ही स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा थी।

जानकारी के अनुसार, बीते दिन रात से खुश्बू को लगातार तेज दस्त की शिकायत थी। सुबह उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने उसे गांव के झोलाछाप डॉक्टर भगवानदास (निवासी पिपलामार) के पास इलाज के लिए ले गए। परिजनों का कहना है कि वे पहले भी कई बार उसी डॉक्टर से इलाज करवाते रहे हैं और मरीज ठीक होते रहे हैं, लेकिन इस बार इलाज के दौरान बच्ची की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई। डॉक्टर ने कुछ दवाएं और इंजेक्शन दिए, जिसके बाद खुश्बू की हालत और गंभीर हो गई। परिजनों के मुताबिक, जब बच्ची की हालत नाजुक हो गई तो डॉक्टर ने उसे कहीं और ले जाने की सलाह दी।

गांव में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला

परिवार ने बच्ची को तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है और पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में कई झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी योग्यता और लाइसेंस के इलाज कर रहे हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इन फर्जी डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

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