नई दिल्ली : अमरनाथ यात्रा-2023 की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। यात्रा के लिए अग्रिम यात्री पंजीकरण की प्रक्रिया को 1 अप्रैल से शुरू करने की योजना है। यात्री पंजीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसमें चिकित्सकों का पैनल संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों में यात्रियों को अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी करेगा।
इस बार 30 अगस्त को रक्षाबंधन पड़ रहा है, जिससे यात्रा भी करीब दो माह की लंबी होने की उम्मीद है। रक्षाबंधन पर ही यात्रा की समाप्ति होती है। स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डॉ. सलीम उर रहमान ने बताया कि डाक्टरों के पैनल को लगभग तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर लोड कर दिया जाएगा।
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इसमें लखनपुर से लेकर कश्मीर के विभिन्न चिकित्सा केंद्रों में यात्री अग्रिम यात्री पंजीकरण के लिए अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनवा सकेंगे। इस साल शिव भक्तों को पर्याप्त यात्री आवास सुविधा मिलेगी। इसके लिए चंद्रकोट (रामबन) में 3000 से अधिक यात्रियों को एक साथ ठहराने के लिए यात्री निवास का निर्माण किया गया है।
पिछले साल पवित्र गुफा में बादल फटने की घटना से सबक लेते हुए इस बार बाढ़ संभावित मार्गों पर टेंट व लंगर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोविड के बाद इस साल अमरनाथ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रदालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
अमूमन अमरनाथ यात्रा को जून के अंत या जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू किया जाता रहा है। यात्रा के दौरान श्रदालुओं की ट्रैकिंग के लिए आरएफ (रेडियो फ्रिकेंसी) आईडी ट्रैकिंग सेवा मिलेगी। पारंपरिक बालटाल और पहलगाम ट्रैक पर लंगरों के लिए बोर्ड के पास देशभर से सौ से अधिक लंगर संगठनों के आवेदन आए हैं।
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इस साल बनिहाल टॉप पर अत्याधुनिक डाप्लर रडार प्रणाली स्थापित की गई है, जिसे खासतौर पर अमरनाथ यात्रा के दौरान मौसम की स्टीक जानकारी देने के लिए उपयोग में लाया जाएगा। यह डाप्लर 100 किमी. की परिधि में मौसम की पूर्व में 2 से 3 घंटे पहले जानकारी देगा।
इससे बाढ़, बादल फटने, तूफान आदि मौसम संबंधी आपदाओं की पहली जानकारी मिलने से जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकेगा। इस डाप्लर को अमरनाथ यात्रा के दौरान चालू रखा जाएगा।