वांिशगटन: अमेरिका ने यूक्रेन को समर्थन जारी रखने का संकल्प जताते हुए कहा है कि यूक्रेन के लोग अपने देश की रक्षा करने और रूस द्वारा कब्जाई गई अपनी जमीन को वापस लेने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था, लेकिन यूक्रेन की सेना ने अप्रैल की शुरुआत में कीव के आसपास के बड़े क्षेत्रों को वापस अपने अधिकार में ले लिया, जब रूस ने राजधानी कीव की ओर बढ़ने का इरादा छोड़ दिया।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यूक्रेन के लोगों के लिए बात नहीं करने जा रहे हैं, बल्कि हम इसे यूक्रेन के लोगों पर छोड़ देंगे ताकि वे अपने अभियानों के बारे में खुद बताएं। लेकिन यह स्पष्ट है कि वे अपने देश की रक्षा करने और अपनी जमीन फिर से पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें युद्ध के मैदान में सफल होने के लिए आवश्यक समर्थन देना जारी रखेंगे।’’
अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने पिछले सप्ताह दो महत्वपूर्ण सुरक्षा सहायता पैकेजों की घोषणा की है, जिसमें सहयोग के लिए 50 से अधिक देशों को एक साथ लाया गया है और युद्ध के मैदान में सफल होने के लिए यूक्रेन के अनुरोधों को पूरा करने के वास्ते काम किया गया है।
‘वांिशगटन पोस्ट’ ने सोमवार को बताया कि यूक्रेन द्वारा पिछले बृहस्पतिवार को बलाकलिया पर कब्जा करने के बाद, रूसी सैनिक पीछे हट गए और 1100 वर्ग मील से अधिक का क्षेत्र यूक्रेन के हाथों में सौंप दिया। अखबार ने बताया कि रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सैनिक ‘‘फिर से एकजुट’’ हो रहे हैं। खबर में कहा गया है, ‘‘युद्ध पर बारीकी से नजर रख रहे युद्ध के अध्ययन संस्थान के अनुसार, पिछले पांच दिनों में यूक्रेन ने अप्रैल से रूस की तुलना में अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।’’
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, रूसी आधिकारी के बयानों में विरोधाभास हैं क्योंकि सरकारी टेलीविजन पर सांसदों और पंडितों ने मास्को की संभावनाओं पर संदेह जताया है। इस बीच, सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के एक वरिष्ठ सदस्य और यूरोप तथा क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर सीनेट की विदेश संबंध उपसमिति के अध्यक्ष अमेरिकी सांसद जीन शाहीन और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने एक विधेयक पेश किया, जिसके बाद अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने यूक्रेन को सैन्य मदद के बाद देश के रक्षा भंडार को जल्द से जल्द भरने के लिए खरीद प्राधिकरणों का दायरा बढ़ा दिया।
इससे पहले दिन में जीन-पियरे ने कहा कि यूक्रेन में रूस का युद्ध नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए खतरा है जो दशकों से दुनिया भर में स्थिरता की नींव रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘रूस की कार्रवाइयां आक्रामकता का द्वार खोलती हैं और हम इसके बारे में बहुत स्पष्ट हैं।’’
उन्होंने रूसी हमले को अकारण बताते हुए आरोप लगाया, ‘‘राष्ट्रपति ने यह भी स्पष्ट किया है कि हम यूक्रेन का समर्थन जारी रखेंगे क्योंकि वे रूसी आक्रमण के खिलाफ अपने लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि यूक्रेन के लोग कितनी बहादुरी से अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं। हम इसका समर्थन करते हैं। इसलिए हम द्विदलीय समर्थन के लिए आभारी हैं जिसने यूक्रेन को अभूतपूर्व सैन्य, मानवीय और वित्तीय सहायता प्रदान करना संभव बना दिया है। हम कांग्रेस से यूक्रेन के प्रयासों का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त धन देने की मंजूरी को कह रहे हैं।’’