बलरामपुर 08 जनवरी 2024 : मनुष्य अपने जीवन में रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जीवनभर संघर्ष और मेहनत करता है। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए पक्के का आवास एक सपने जैसा होता है, परंतु केन्द्र सरकार की मंशानुरूप शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का समुचित लाभ समाज के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने की है, ताकि समाज के हर वर्ग का समुचित विकास हो सके। इन्हीं महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना।
प्रधानमंत्री आवास योजना उन लागों के सपने साकार कर रही है, जिनकी आधी जिन्दगी कच्चे के घर में गुजर गई है और जब उनका खुदका सपना सच होता है तो वो खुशी उनके लिए क्या मायने रखतीं है शब्दों में बयां करना पाना मुश्किल है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना से विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत मानपुर के निवासी शिवप्रसाद जिनकी उम्र 58 वर्ष है, वह अपने कच्चे के घर में परिवार के साथ जीवनयापन कर रहे थे, वे बताते हैं कि पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर है। वे कृषि एवं मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं।
उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अपने इस जीवन में वे पक्के के मकान में अपने परिवार के साथ रह पायेंगे। उनके लिए पक्के का मकान एक सपने जैसा था। वे बताते हैं कि खप्पर के मकान में रहना मुश्किल होता था, बरसात के दिनों में घर के अंदर पानी आ जाता था तथा ठण्ड के दिनों में ठण्ड से बचना मुश्किल हो जाता था। बदलते मौसम के साथ परेशानियां भी बदलती रहीं साथ ही समय के साथ रेत, गिट्टी, सीमेंट और ईंट की खरीदी दर भी बहुत महंगी हो चुकी थी।
परन्तु शासन की प्रधानमंत्री आवास योजना उनके पक्के घर के सपने को साकार करने में सिद्ध हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में पक्का आवास बनाने के लिए शासन से स्वीकृति प्रदान की गई। शासन से अनुदान में मिली सहयोग राशि और स्वयं की बचत राशि को मिलाकर उन्होंने पक्का मकान बना लिया। अब पक्का मकान बन जाने से वे अपने परिवार के साथ उस पक्के के मकान में खुशहाल जीवन यापन कर रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में वित्तीय वर्ष 2016-23 तक 44188 आवास स्वीकृति है, जिसमे से आज पर्यंत 34088 आवास पूर्ण हो चुके है तथा 10100 आवास अभी निर्माणाधीन है।