मुंबई: मुंबई में होर्डिंग गिरने की घटना में 14 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता किरीट सोमैया ने सवाल किया कि जब होर्डिंग लगाने की अनुमति देने का अधिकार बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को है तो एक पुलिस अधिकारी ने कैसे इसकी अनुमति दे दी?
पूर्व सांसद सोमैया ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि होर्डिंग और पेट्रोल पंप (जहां होर्डिंग गिरा था) की अनुमति उस समय दी गई थी जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।
उन्होंने कहा कि यदि तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सख्ती बरतते तो ऐसे होर्डिंग नहीं लग पाते।
सोमैया ने कहा कि कागज पर 40 फुट लंबा होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई थी लेकिन जो होर्डिंग गिरा वह 120 फुट का था। मुंबई के घाटकोपर इलाके में सोमवार को धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश के कारण एक पेट्रोल पंप पर लगा अवैध होर्डिंग गिर जाने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 74 लोग घायल हो गए। बृहन्मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सोमैया ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र राज्य पुलिस बल में शामिल रेलवे पुलिस के एक एसीपी ने 7 दिसंबर, 2021 को होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी। कोई पुलिस अधिकारी इसकी अनुमति कैसे दे सकता है, जबकि यह अधिकार बीएमसी को है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मुंबई के अनेक हिस्सों में ऐसे 400 होर्डिंग हैं जो तय आकार से बड़े हैं और घाटकोपर की तरह ही कमजोर बुनियाद पर खड़े हैं।’’ बीएमसी के एक अधिकारी के अनुसार सहायक पुलिस आयुक्त (प्रशासन) ने रेलवे पुलिस आयुक्त, मुंबई की ओर से चार होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी जिनमें से एक होर्डिंग वो था जो सोमवार को गिर गया, लेकिन बीएमसी से कोई आधिकारिक अनुमति या एनओसी प्राप्त नहीं की गई।
सोमैया ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ ंिशदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया है कि पूरे मुंबई महानगर में लगे ऐसे खतरकना होर्डिंग तत्काल हटाये जाएं। उन्होंने दावा किया कि जिस जमीन पर पेट्रोल पंप है और होर्डिंग लगाया गया, वो महाराष्ट्र पुलिस के रेलवे पुलिस प्रकोष्ठ को दी गई थी।
सोमैया ने कहा कि इस जमीन को पुलिस कल्याण कोष को दे दिया गया और इसमें से करीब 40,000 वर्ग फुट के भूखंड को किसी संस्था के सुपुर्द कर दिया गया और बाद में पेट्रोल पंप के लिए आरक्षित कर दिया गया।
उन्होंने दावा किया, ‘‘पेट्रोल पंप बनने के बाद रेलवे पुलिस के तत्कालीन एसीपी (प्रशासन) शाहजी निकम ने इसके पास विज्ञापन होर्डिंग लगाने की अनुमति दे दी।
यह अवैध था, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।’’ भाजपा नेता ने कहा कि पेट्रोल पंप को 30 जनवरी, 2020 को मंजूरी मिली थी। उन्होंने कहा, ‘‘इसका संचालन पुलिस आयुक्त मुंबई रेलवे कल्याण निधि संस्था द्वारा किया जाता था, लेकिन इसका परिचालन और स्टाफ प्रबंधन लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के पास था। पेट्रोल पंप का मासिक किराया 16,97,440 रुपये था।’’
सोमैया ने कहा कि उन्होंने लॉर्ड्स मार्क इंडटस्ट्रीज के स्वामित्व का विवरण जुटाने की कोशिश की, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके मालिक कई बार बदल गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल पंप और होर्डिंग्स के लिए सभी अनुमतियां तब दी गई थीं जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। लेकिन मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता।
पेट्रोल पंप के पास होर्डिंग लगाने के लिए जिम्मेदार एजेंसी एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के भावेश ंिभडे और अनुमति देने वाले पुलिस अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।’’ इस बीच मंिहद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद मंिहद्रा ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक क्लिप साझा की जिसमें होर्डिंग को गिरते हुए देखा जा सकता है। मंिहद्रा ने कहा कि इस तरह की घटना अस्वीकार्य है।
एक अधिकारी ने पहले बताया था कि भावेश ंिभडे और अन्य के खिलाफ पंत नगर पुलिस थाने में गैर इरादतन हत्या और भारतीय दंड संहिता की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बीएमसी ने सोमवार को विज्ञापन एजेंसी को नोटिस जारी किया था।