नई दिल्ली: (CA vs CS). 12वीं के बाद क्या करें? यह सवाल हर किसी को कभी न कभी परेशान जरूर करता है. 12वीं के बाद सही करियर ऑप्शन चुन पाना आसान नहीं है (Career Options After 12th). 11वीं में कॉमर्स स्ट्रीम चुनने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स आगे जाकर सीए या सीएस परीक्षा देते हैं. सीएस और सीएस में कॉम्पिटीशन लेवल काफी हाई है. इसमें सफलता का दर कम रहता है. सीए और सीएस देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल है.
सीए का फुल फॉर्म ‘चार्टर्ड अकाउंटेंट’ (Chartered Accountant) है. यह एक प्रोफेशनल योग्यता है, जो अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और फाइनेंस में विशेषज्ञता को दर्शाती है. वहीं,
सीएस का फुल फॉर्म ‘कंपनी सेक्रेटरी’ (Company Secretary) है. यह भी प्रोफेशनल योग्यता है, जो कंपनी कानून, कॉरपोरेट गवर्नेंस और फाइनेंशियल मैनेजमेंट में विशेषज्ञता को दर्शाती है. अगर आप सीए या सीएस की तैयारी कर रहे हैं तो जानिए दोनों के बीच क्या अंतर हैं.
सीए का फुल फॉर्म क्या है?
सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट भारत के इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (आईसीएआई) द्वारा प्रदान की जाने वाली योग्यता है. यह अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, टैक्सेशन और फाइनेंस में एक्सपर्टीज प्रदान करता है (CA Syllabus). सीए ऑडिटिंग और फाइनेंस से जुड़े मामलों में विशेषज्ञ सलाहकार के तौर पर काम करते हैं. सीए बनने के लिए 12वीं के बाद आईसीएआई परीक्षा पास करना जरूरी है. इसके बाद अनिवार्य ट्रेनिंग भी पूरी करनी होतीा
सीएस का फुल फॉर्म क्या है?
सीएस का फुल फॉर्म कंपनी सेक्रेटरी है. सीएस की योग्यता भारत के इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज (आईसीएसआई) द्वारा प्रदान की जाती है. यह कंपनी कानून, गवर्नेंस और कॉर्पोरेट मामलों में विशेषज्ञता प्रदान करता है. सीएस कंपनी के कानूनी और प्रशासनिक मामलों में विशेषज्ञ सलाहकार के तौर पर कार्य करते हैं. सीएस बनने के लिए आईसीएसआई की परीक्षा पास करना जरूरी है. इसके साथ ही सीए की तरह जरूरी ट्रेनिंग भी पूरी करनी होती है.