भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने फ्रांस के महावाणिज्य दूत जीन-मार्क सेरे-चार्लेट से मुलाकात की तथा व्यापार, उद्योग और पर्यटन क्षेत्रों में इस यूरोपीय देश द्वारा निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि महावाणिज्य दूत ने शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री से उनके निवास पर मुलाकात की और इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला भी मौजूद थे।
सेरे-चार्लेट ने सबसे पहले राज्य पर्यटन बोर्ड के अधिकारियों से मुलाकात की तथा फ्रांस और मध्यप्रदेश के बीच सांस्कृतिक एवं पर्यटन क्षेत्र में आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर चर्चा की। मध्यप्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आश्चर्यजनक परिदृश्यों के लिए जाना जाता है। भेड़ाघाट, सांची, भीमबेटका और खजुराहो फ्रांसीसी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं।
अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्य फ्रांस के साथ अपने पर्यटन संबंधों को मजबूत करने के लिए तैयार है। फ्रांसीसी दूतावास और मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे।’’ पर्यटन बोर्ड की अतिरिक्त प्रबंध निदेशक बिदिशा मुखर्जी के साथ बातचीत के दौरान सेरे-चार्लेट के नेतृत्व में फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल ने सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र में आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की संभावना पर चर्चा की।
अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में भारत में फ्रांसीसी संस्थान के निदेशक और शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के परामर्शदाता ग्रेगर ट्रूमेल और भारत में ‘एलायंस फ्रांसेइस नेटवर्क’ के समन्वयक एमिली जैकामेंट शामिल थे।
उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान भारत के पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार, ‘टूर गाइड’ को फ्रांसीसी भाषा में पारंगत बनाना और फ्रांसीसी कलाकारों को राज्य के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने का अवसर देने जैसे ंिबदुओं पर चर्चा की गई।
मुखर्जी ने बताया कि फ्रांसीसी दूतावास की मदद से मध्यप्रदेश में ‘टूर गाइड’ को फ्रांसीसी भाषा में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे फ्रांसीसी पर्यटकों का आसानी से मार्गदर्शन कर सकें और उनकी यात्रा को आसान बना सकें।
उन्होंने बताया कि पर्यटन बोर्ड ने 19 ‘गाइड’ को फ्रांसीसी भाषा का प्रशिक्षण दिया है तथा अब पर्यटन विभाग के होटलों और रिसॉर्ट्स में काम करने वाले ‘फ्रंट आॅफिस एग्जीक्यूटिव’, ‘रिसेप्शनिस्ट’ और अन्य लाभार्थियों को भी इस भाषा में दक्ष बनाया जाएगा।
मुखर्जी ने फ्रांसीसी फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों को मध्यप्रदेश में शूंिटग के लिए आमंत्रित किया और कहा कि मध्यप्रदेश में आयोजित प्रमुख कार्यक्रमों में फ्रांस के कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा और राज्य के कलाकार फ्रांस में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी हिस्सा बनेंगे।