प्रयागराज: महाकुंभ का भव्य नज़ारा देखने को मिला, जहां बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। महाकुंभ में यह सबसे पवित्र अनुष्ठान माना जाता है, जिसमें देश-विदेश से संत, साधु और श्रद्धालु संगम तट पर एकत्रित होते हैं।
सोमवार को भोर होते ही अखाड़ों के महामंडलेश्वर और संतों ने अपनी पारंपरिक शोभायात्रा के साथ संगम की ओर रुख किया। करीब सुबह 5 बजे अमृत स्नान का शुभारंभ हुआ, जिसे देखने के लिए लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन के लिए “शून्य त्रुटि” यानी किसी भी तरह की अव्यवस्था न होने का निर्देश दिया था, ताकि पिछले स्नान में हुई भगदड़ जैसी घटना दोबारा न हो।
5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
अब तक 33 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं, और सिर्फ सोमवार को ही 5 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है। यह महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण स्नान में से एक माना जाता है।
तीनों अखाड़ों ने की पवित्र डुबकी
परंपरा के अनुसार, संन्यासी, बैरागी और उदासीन संप्रदायों के अखाड़ों ने एक निर्धारित क्रम में संगम में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कड़ी सुरक्षा और हाईटेक निगरानी
2019 के अर्धकुंभ के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, इस बार महाकुंभ में सुरक्षा को और पुख्ता किया गया है।
मेला क्षेत्र की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए 3,000 से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
25 सेक्टरों की निगरानी कुंभ कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जा रही है।
30 पांटून पुल और मुख्य बैरिकेडिंग इलाकों पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर खुद सुरक्षा की कमान संभाल रहे हैं।
पिछली भगदड़ से सबक लेकर सख्त इंतजाम
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दौरान संगम नोज पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए थे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं प्रयागराज का दौरा किया और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
आने वाली बड़ी स्नान तिथियां
महाकुंभ में अमृत स्नान के अलावा तीन और महत्वपूर्ण स्नान तिथियां हैं:
12 फरवरी (माघी पूर्णिमा)
26 फरवरी (महाशिवरात्रि) – इस दिन महाकुंभ का समापन होगा।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि इन खास ज्योतिषीय संयोगों पर गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर संतों, श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को बसंत पंचमी स्नान की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ धर्म, आस्था और सनातन संस्कृति का महापर्व है, और इसे पूरी भव्यता और पवित्रता के साथ मनाया जा रहा है।
महाकुंभ का यह अमृत स्नान ऐतिहासिक रहा, जहां करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। सरकार की सख्त व्यवस्थाओं के कारण यह आयोजन बिना किसी अव्यवस्था के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अब अगला प्रमुख स्नान 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को होगा।