चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) 10 अक्टूबर को पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा की 15 अलग-अलग अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री के अप्रत्यक्ष स्वामित्व वाली 15 संपत्तियों को जब्त करने के संबंध में जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बताया कि राजा अपनी बेनामी कंपनी मेसर्स कोवई शेल्टर्स प्रमोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के जरिए इन संपत्तियों के मालिक हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में PMLA, 2002 के प्रावधानों के तहत राजा की बेनामी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है।
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बता दें कि, दिसंबर 2022 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PMLA के प्रावधानों के तहत कोयंबटूर में ए राजा की कंपनी की 45 एकड़ जमीन को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था। रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 55 करोड़ रुपये की यह जमीन पर्यावरण मंजूरी के बदले में गुरुग्राम स्थित एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी से रिश्वत के पैसे से खरीदी गई थी, जब राजा 2007 में यूपीए सरकार के तहत पर्यावरण और वन मंत्री थे। उक्त भूमि भी उसी कोवई शेल्टर्स प्रमोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत थी।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, उक्त बेनामी कंपनी उसी वर्ष बनाई गई थी और राजा के परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत थी। हालाँकि, कंपनी का एकमात्र उद्देश्य ए राजा द्वारा अपराध की आय को मैनेज करना था। बता दें कि, DMK सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा हाल ही में अपने हिंदू घृणा से सने बयानों के लिए खबरों में थे। ए राजा ने कहा था कि, ‘उदयनिधि ने सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) की तुलना केवल मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से की, क्योंकि उनका दृष्टिकोण नरम था।” ए राजा ने कहा था कि, ”सनातन धर्म की तुलना HIV एड्स और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए।”