नई दिल्ली: एक वरिष्ठ जलवायु विज्ञानी ने मंगलवार को कहा कि अरब सागर में तापमान बढ़ने से घने बादल बन रहे हैं, जिसके कारण केरल में कम समय में भारी बारिश हो रही है और भूस्खलन होने का खतरा बढ़ रहा है।
वायनाड में हुए भूस्खलन की वजह भी अरब सागर में तापमान बढ़ना है।
इस बीच, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भूस्खलन पूर्वानुमान तंत्र और जोखिम का सामना कर रही आबादी के लिए सुरक्षित आवासीय इकाइयों के निर्माण का आह्वान किया है।
कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीयूएसएटी) में वायुमंडलीय रडार अनुसंधान आधुनिक केंद्र के निदेशक एस अभिलाष ने कहा कि सक्रिय मानसूनी अपतटीय निम्न दाब क्षेत्र के कारण वायनाड, कालीकट, कासरगोड, कन्नूर और मलप्पुरम जिलों में भारी वर्षा हो रही है, जिसके कारण पिछले दो सप्ताह से पूरा कोंकण क्षेत्र प्रभावित हो रहा है।
कई जगह बहुत भारी बारिश हुई
उन्होंने बताया कि दो सप्ताह की वर्षा के बाद मिट्टी भुरभुरी हो गई। अभिलाष ने कहा कि सोमवार को अरब सागर में तट पर एक गहरी मेसोस्केल मेघ प्रणाली का निर्माण हुआ और इसके कारण वायनाड समेत कई जगह बहुत भारी बारिश हुई और इसके परिणामस्वरूप भूस्खलन हुआ।
बहुत घने बादल बनने की जानकारी मिली
अभिलाष ने कहा कि बादल बहुत घने थे, ठीक वैसे ही जैसे 2019 में केरल में आई बाढ़ के दौरान नजर आए थे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बहुत घने बादल बनने की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी ये प्रणालियां स्थल क्षेत्र में प्रवेश कर जाती हैं और 2019 में ऐसा ही हुआ था।