नई दिल्ली: बागेश्वर धाम वाले महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भारत में ‘क्रिसमस डे’ के जश्न के खुलकर विरोध में आ गए हैं। उन्होंने इसे पाश्चात्य संस्कृति करार दिया है। साथ ही स्कूलों में सांता क्लॉज से जुड़े कार्यक्रमों का भी विरोध किया है। खास बात है कि मध्य प्रदेश एक जिले में आदेश भी जारी हुई हैं, जहां क्रिसमस के जश्न में शामिल होने के लिए छात्रों के पैरेंट्स से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ’25 तारीख को जो क्रिसमस डे है, वो भारतीय सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। भारत के सानातनी हिंदुओं के जितने भी अभिभावक और माता-पिता हैं। इनको सांता क्लॉज के पास ना भेजकर परम संत हनुमान जी महाराज के आसपास के मंदिर में भेजो।’
उन्होंने कहा, ‘कल मातृ-पितृ दिवस भी है। तुलसी पूजन करवाओ, माता-पिता की पूजा कराओ। हनुमान जी के मंदिर जाकर दर्शन करवाओ। वहां से प्रसाद लेकर आएं। सांता क्लॉज आएगा, गिफ्ट लाएगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘क्या हम भारतीय हैं, इसपर विचार करना? क्या तुम सनातनी हो इसपर विचार करना। यदी सनातनी हो भारतीय हो तो इस पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार करो।’
शास्त्री ने कहा कि सांता क्लॉज की तरफ बच्चों को मत भेजो, परम पूज्य हनुमान जी की तरफ भेजो। साथ ही उन्होंने पैरेंट्स से बच्चों को स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों के बारे में बताने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘मीरा बाई की तरह, महारानी लक्ष्मीबाई की तरह, स्वामी विवेकानंद के प्रति प्रेरित करो। बागेश्वर पीठ इसका खुलकर विरोध करती है।’