भोपाल: मध्यप्रदेश की मोहन यादव की सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारियां शुरू कर दी है। इसे लेकर डेट भी फाइनल हो गई है। 31 अक्टूबर तक विभागों को ऑनलाइन प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।
एमपी का बजट पहली बार शून्य आधार पर बनेगा। जिसमें एक-एक योजना का मूल्यांकन होगा। विभागों को योजनाओं का लाभ, खर्च और फायदा बताना होगा।
सरकार ने 31 अक्टूबर तक सभी विभागों को ऑनलाइन प्रस्ताव भेजने को कहा है। नई योजनाओं के लिए 5 दिसंबर तक वित्त विभाग ने प्रस्ताव मांगे है। 23 दिसंबर से 15 जनवरी तक प्रमुख सचिव स्तरीय चर्चा होगी। 27 से 30 जनवरी तक मंत्री और वित्त मंत्री चर्चा करेंगे।
बजट अनुमान की गणना
विभाग की ओर से अपने बजट प्रस्ताव के पक्ष में पिछले सालों के व्यय (Expense) का संदर्भ के साथ-साथ यह भी साफ करना होगा कि प्रस्तावित किए जा रहे बजट अनुमान की गणना का आधार क्या है। इससे वर्तमान योजनाओं, कार्यक्रमों या गतिविधियों के वित्त पोषण और प्रदर्शन स्तरों की व्यवस्थित समीक्षा और औचित्य पर ध्यान केंद्रित करके संसाधनों को फिर से किया जा सकेगा।
शून्य आधार बजटिंग प्रोसेस के अंतर्गत विभाग में ऐसी योजनाओं को चिन्हांकित किया जा सकेगा, जो वर्तमान में अपनी उपयोगिता खो चुकी है और जिन्हें खत्म किया जा सकता हो। इसके अतिरिक्त विभाग की ओर से प्रचलित समान उद्देश्य की योजनाओं को संविलियित करने का भी विचार किया जा सकता है।
क्या है शून्य आधारित बजट ?
आपको बता दें, शून्य आधारित बजट में बजट अनुमान शून्य से शुरू किया जाता है। इसमें गत वर्षों के व्यय संबंधी आंकड़ों का कोई महत्व नहीं रहता है। इस सिस्टम में कार्य इस आधार पर शुरू किए जाते हैं कि अगली अवधि के लिए बजट शून्य है।