बेंगलुरू के रामेश्वरम कैफे में हुए बम धमाके की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। सोमवार को गृह मंत्रालय ने इसको लेकर बड़ा फैसला किया है। बता दें, यह धमाका 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे में हुआ था, जिसमें 10 लोग घायल हो गए थे।
धमाका उस वक्त हुआ, जब कैफे में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। बता दें, घटना के बाद बीजेपी एनआईए को जांच सौंपे जाने की मांग कर रही थी।
हादसे के बाद सीसीटीवी के माध्यम से संदिग्ध की भी पहचान कर ली है। हालांकि, अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बताया था कि टोपी, मास्क और चश्मा पहने हुए एक व्यक्ति कैफे में आया और पेड़ के नीचे एक बैग रखकर चला गया। इसी बैग में ब्लास्ट हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
अब तक चार को हिरासत में लिया गया
उधर, राज्य सरकार ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले की जांच राज्य सरकार ने केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) को सौंपी है। इससे पहले पुलिस सूत्रों ने बताया था कि घटना के सिलसिले में पूछताछ के लिए चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों को धारवाड़, हुब्बल्लि और बेंगलुरु से हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
बिजनसे राइवेलरी एंगल से भी हो रही जांच
दूसरी तरफ कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा है कि बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में बिजनेस राइवेलरी के एंगल की भी जांच की जा रही है। परमेश्वर ने कहा कि आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, गहराई से जांच चल रही है और सबूत जुटाए जा रहे हैं। यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि क्या यह काम व्यक्तिगत कारणों से किया गया है।
उन्होंने कहा कि होटल समूह ने सफलतापूर्वक तीन से चार शाखाएं खोली हैं और प्रतिद्वंद्विता के कारणों से इनकार नहीं किया जा सकता। घटना के सभी पहलुओं की जांच चल रही है। उन्होंने कहा, यह कहना असंभव है कि विस्फोट किस संगठन ने किया। कई लोगों ने सुझाव दिया है कि होटल समूह की सफलता से ईर्ष्या करने वाले ने हमला करवाया।