BIG NEWS: संसदीय समिति ने अपनी सिफारिशों की अनदेखी करने को लेकर रेलवे की खिचाई की

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नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने भोजन की स्वच्छता से लेकर नये ‘बेस किचन’ स्थापित करने जैसे मुद्दों से संबंधित अपनी कई सिफारिशों की अनदेखी करने को लेकर रेलवे की खिचाई की है। लोक लेखा समिति ने ‘‘भारतीय रेलवे में खानपान सेवा’’ पर अपनी 115वीं रिपोर्ट में कहा कि उसने 11 सिफारिशों में से पांच पर रेल मंत्रालय के जवाब को स्वीकार नहीं किया तथा उचित कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा में बुधवार को पेश की गई अपनी रिपोर्ट में पाया कि रेलवे ने 2005 से तीन बार अपनी खानपान नीति बदली है – पहले इसे आईआरसीटीसी को सौंपा, फिर 2010 में क्षेत्रीय रेलवे को और अंत में फरवरी 2017 में आईआरसीटीसी को खानपान का जिम्मा पुन: सौंप दिया।

अपनी एक सिफारिश में समिति ने रेलवे से उन 15 रसोई इकाइयों पर जवाब मांगा है जिन्हें अद्यतन करने के लिए चुना गया था। आईआरसीटीसी द्वारा नौ ग्रीन फील्ड बेस किचन भी स्थापित किए जाने थे।
रेलवे ने स्टेशन परिसर में कई रसोई स्थापित किये हैं, जहां खाना पकाया जाता है और ट्रेनों में यात्रियों को दिया जाता है। यह कदम एलपीजी आधारित रसोई यान (पैंट्री कार) पर प्रतिबंध के मद्देनजर उठाया गया है।

समिति ने रसोई यान में गैस बर्नर के बजाय विद्युत चालित उपकरणों का उपयोग क्रमिक रूप से बढ़ाने में विफल रहने के लिए भी रेलवे की आलोचना की। समिति ने कहा कि उसने पाया कि इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ), पेरम्बूर में नीति का पालन नहीं किया जा रहा, जिसने 2016 तक पुरानी शैली का रसोई यान बनाना जारी रखा।

समिति ने मंत्रालय, आईआरसीटीसी और जोनल रेलवे को हर पांच साल में परिचालन की संयुक्त समीक्षा करने की भी सिफारिश की। साथ ही, इसने मंत्रालय पर ‘‘गोलमोल’’ जवाब देने का आरोप लगाया। रिपोर्ट में, रेलवे से वर्तमान में परिचालन में आईसीएफ डिब्बों की संख्या और उन्हें शीघ्रता से ‘एलएचबी-ंिलक-हॉफमैन-बुश’ डिब्बों से बदलने के लिए किफायती योजना तैयार करने के बारे में भी जवाब मांगा गया।

समिति ने कहा कि वह यह देखकर ‘‘निराश’’ है कि मंत्रालय खाद्य गुणवत्ता, स्वच्छता और साफ-सफाई के मुद्दों का समाधान करने में विफल रहा है। समिति ने रेलवे से सुरक्षित भोजन के लिए ट्रेन खानपान सेवाओं का ‘‘औचक निरीक्षण’’ करने की मांग भी की।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति यह देखकर आश्चर्यचकित है कि रेलवे ने खानपान सेवाओं के औचक निरीक्षणों के आधार पर रिपोर्ट आॅनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने के लिए अभी तक कोई मानक संचालन प्रक्रिया नहीं अपनाई है।’’

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