पाकिस्तान में बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर एक थिंक टैंक की रिपोर्ट सामने आई है। थिंक टैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 2024 की पहली तिमाही के दौरान आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है।
पहली तिमाही में दर्ज की गई 245 घटनाएं
थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुतााबिक, पाकिस्तान में 2024 की पहली तिमाही के दौरान आतंकवादी हमलों और आतंकवाद रोधी अभियानों की 245 घटनाएं हुईं, जिससे 432 लोगों की मौत हुई और 370 नागरिक व सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बढ़ी आतंकी घटनाएं
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज द्वारा जारी सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में इस अवधि के दौरान 92 प्रतिशत अधिक मौतें हुईं और 86 प्रतिशत आतंकी हमले हुए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान के बचे क्षेत्र अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण थे।
जाभात अंसार अल-महदी खुरासान नाम से उभरा नया संगठन
चौंकाने वाली बात यह है कि आतंकवादी संगठनों ने 2024 की पहली तिमाही में आतंक के कारण हुई कुल मौतों में से 20 प्रतिशत से भी कम की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, इस दौरान जाभात अंसार अल-महदी खुरासान (JAMK) नाम का एक नया आतंकवादी संगठन भी उभरा है।
देशभर में सरकारी संपत्तियों को भी बनाया गया निशाना
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आतंकवाद के अलावा देश में सरकारी, राजनेताओं और निजी व सुरक्षा संपत्तियों को निशाना बनाने वाली 64 घटनाएं घटित हुई हैं। पहली तिमाही के दौरान बलूचिस्तान में हिंसा में 96 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा मौतों का आंकड़ा बढ़कर 178 तक पहुंच गया है। साल 2023 की अंतिम तिमाही तक 91 मौतें दर्ज की गई थी।
कितने प्रतिशत लोगों की गई जान?
रिपोर्ट में बताया गया कि सिंध में हिंसा में लगभग 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, मृतकों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। वहीं, खैबर पख्तूनख्वा में 24 प्रतिशत, पंजाब में 85 और गिलगित-बाल्टिस्तान में 65 प्रतिशत हिंसा की कमी दर्ज की गई है।