ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में पूरी दुनिया की निगाहें रही हैं। चुनाव से पहले हुए सर्वे में अनुमान जताया था कि लेबर पार्टी संसद में भारी बहुमत हासिल करेगी जो सही साबित हुआ। इस तरह से कंजर्वेटिव प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का 18 महीने का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और ब्रिटेन के लोग 14 साल बाद कीर स्टार्मर को नए प्रधानमंत्री के रुप में देखेंगे। कंजर्वेटिव पार्टी 14 साल बाद सत्ता से बाहर हो गई है।
पहले एक नजर ब्रिटेन के आम चुनाव पर
यूनाईटेड किंगडम (यूके) का आम चुनाव 4 जुलाई 2024 को हुआ। 6.7 करोड़ की आबादी वाले देश में मतदान केंद्रों में लोगों ने स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक मतदान किया। ये चुनाव यूनाइटेड किंगडम के सभी हिस्सों इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में हुए। मतदान कुल 650 संसदीय सीटों के लिए हुआ। 2024 के आम चुनाव में नामांकन की अंतिम तिथि शुक्रवार 7 जून 2024 थी। चुनाव में उतरे उम्मीदवारों ने मतदान के दिन से पहले के छह सप्ताह तक अपनी पार्टियों के लिए प्रचार में ताकत झोंकी।
यूके के इस चुनाव के लिए कुल 392 पार्टियां पंजीकृत हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव और मुख्य विपक्षी नेता कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी के बीच रहा।
प्रधानमंत्री सुनक को चुनौती देने वाले कीर स्टार्मर कौन हैं?
कीर स्टार्मर ब्रिटेन में मौजूदा सबसे बड़े विपक्षी दल लेबर के अध्यक्ष हैं। पेशे से वकील कीर स्टार्मर मुख्य अभियोक्ता रह चुके हैं। लेबर पार्टी के अनुसार, उनका पूरा करियर जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने के लिए रहा है। स्टार्मर पूर्वी इंग्लैंड के सरी में ऑक्सटेड नामक एक छोटे से शहर में पले-बढ़े। उनके पिता एक कारखाने में कारीगर के रूप में काम करते थे और उनकी मां अस्पताल में एक नर्स थीं।
कई परिवारों की तरह स्टार्मर को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनकी मां ने जीवन भर एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी से संघर्ष किया। कीर ने अपने बचपन का ज्यादातर समय अपनी मां को अस्पताल जाते हुए देखा, जहां उनके पिता हमेशा उनके साथ रहते थे। इन सब चुनौतियों के बीच स्कूल में उन्होंने 11+ (इंग्लैंड में प्राथमिक शिक्षा के अंतिम वर्ष की परीक्षा) की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने स्थानीय ग्रामर स्कूल में दाखिला लिया। जब वे 18 साल के थे, तो उन्हें लीड्स यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई करने का मौका मिला। इस तरह से स्टार्मर अपने परिवार में यूनिवर्सिटी जाने वाले पहले सदस्य भी बन गए।