बिहार : सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को बड़ी राहत मिली है. शीर्ष न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने के नीतीश सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी. कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने और कानून के अनुसार उचित उपाय खोजने की स्वतंत्रता प्रदान करता है.
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न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि याचिकाओं में कोई दम नहीं है, लिहाजा इन्हें खारिज किया जाता है. पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा, ‘‘तो यह लोकप्रियता हासिल करने के इरादे से दाखिल याचिका है. हम कैसे यह निर्देश जारी कर सकते हैं कि किस जाति को कितना आरक्षण दिया जाना चाहिए. माफ कीजिए, हम ऐसे निर्देश जारी नहीं कर सकते और इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकते.
सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें से एक याचिका एक गैर-सरकारी संगठन ने दाखिल की थी. न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. गौरतलब है कि एक याचिकाकर्ता ने मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया था, जिस पर 11 जनवरी को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस मामले पर सुनवाई 20 जनवरी को करेगी.