अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अब तक की सर्वश्रेष्ठ जीत की उम्मीद के बीच पार्टी ने इसे अपने विकास एजेंडे का प्रतिंिबब और कांग्रेस की ”नकारात्मक राजनीति” की हार करार दिया। गुजरात में सातवें कार्यकाल के लिए पार्टी की सत्ता में वापसी के रुझान आने के बाद भाजपा कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल दोपहर करीब 12.30 बजे भाजपा कार्यालय पहुंचे जहां पार्टी समर्थक बेहद उत्साहित दिखे और सुरक्षार्किमयों को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। भाजपा समर्थकों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए, पार्टी के झंडे लहराए तथा लोकप्रिय गुजराती गीतों पर नृत्य किया।
पार्टी की गुजरात इकाई के प्रवक्ता यमल व्यास ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह पार्टी के ‘डबल इंजन’ विकास एजेंडे की जीत है। भारी जनादेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के प्रति लोगों के विश्वास को दर्शाता है। यह विकास के एजेंडे की जीत है जिसे पार्टी ने राज्य में चलाया है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस को अब सबक सीखना चाहिए क्योंकि नकारात्मक राजनीति उसे कहीं नहीं ले जाएगी। जनता ने राज्य से कांग्रेस का सफाया कर दिया है।” चुनावी मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी (आप) पर टिप्पणी करते हुए व्यास ने कहा कि उसकी उपस्थिति केवल सोशल मीडिया और शहरी आबादी के एक वर्ग तक ही सीमित थी।
भाजपा की गुजरात इकाई के उपाध्यक्ष गोरधनभाई जडाफिया ने कहा कि राज्य में मिली जीत आने वाले दिनों में अन्य राज्यों में पार्टी की संभावनाओं को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा, “नकारात्मक राजनीति करने वाले विपक्ष के विपरीत हमने राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। राज्य के लोगों ने हम पर विश्वास जताया और हमारी पार्टी को इस अभूतपूर्व जीत तक पहुंचाया।” जडाफिया ने कहा, ‘‘अब हमारे पास सातवें कार्यकाल के लिए सत्ता में रहने का रिकॉर्ड है।
ये नतीजे कांग्रेस और आप जैसे दलों को करारा जवाब हैं, जिन्होंने हमारी उपलब्धियों को कमजोर करने की कोशिश की।’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जडाफिया ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी को अब गुजरात में मुख्य विपक्ष का दर्जा पाने के लिए संघर्ष करना होगा।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस अपने पापों का खामियाजा भुगत रही है। उसका सफाया हो गया है और अब वह देश के अन्य हिस्सों की तरह गुजरात में अस्तित्व के लिए लड़ रही है।” भाजपा गुजरात में रिकॉर्ड जीत की ओर बढ़ रही है और अब तक के परिणामों तथा रुझानों में वह राज्य की 182 विधानसभा सीट में से 83 सीटों पर जीत चुकी है और 74 पर आगे चल रही है। यदि रुझान इसी तरह कायम रहे तो भाजपा 2002 में 127 सीट जीतने के अब तक के अपने सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड को तोड़ने के साथ ही कांग्रेस द्वारा 1985 में बनाए गए 149 सीट जीतने के रिकॉर्ड को भी तोड़ देगी।