मुंबई : महाराष्ट्र के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार ने भाजपा की राजनीतिक ताकत घटने पर बड़ा बयान दिया है। शरद पवार ने कहा कि भाजपा की सियासी ताकत देश के कई हिस्सों में लगातार कमजोर पड़ रही है। उन्होंने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एनसीपी नेताओं-पदाधिकारियों की बैठक के दौरान कहा कि जनता ऐसे दलों और नेताओं को भी नकार रही है, जो भाजपा के साथ गठबंधन करने की योजना बना रहे हैं। पवार ने अपने दावे के समर्थन में दक्षिण में भाजपा के कमजोर जनाधार की बात भी कही।
आने वाले चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है : पवार
शरद पवार का दावा है कि आने वाले चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऐसा देखा जा रहा है कि जनता भाजपा का साथ देने वाले दूसरे दलों और नेताओं का समर्थन भी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत के राजनीतिक मानचित्र को ध्यान से देखने पर साफ पता लगता है कि दक्षिण भारत में भाजपा एक भी बड़े प्रदेश में खुद के बूते सरकार नहीं चला रही है।
बता दें कि पवार के भतीजे अजित भाजपा का दामन थाम चुके हैं। इसे एनसीपी और खुद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि,विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा का जनाधार खोखला हो चुका है। अजित पवार इसी साल जुलाई में आठ विधायकों के साथ शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए थे। अजित का दावा है कि उन्हें राकांपा के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है और उन्होंने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया है।
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गौरतलब है कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शरद पवार ने कहा कि भाजपा शिवसेना को विभाजित करके राज्य में सत्ता में आई है। उन्होंने दावा किया कि इसी तरह का फॉर्मूला गोवा के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी लागू किया गया था, जहां मार्च 2020 तक कांग्रेस सत्ता में थी।
पवार ने कहा कि भाजपा केवल गुजरात में सत्ता में थी जिसे वह (2022 के चुनाव में) बरकरार रखने में कामयाब रही। उन्होंने कहा, “भाजपा राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी नहीं है। उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों को छोड़कर, देश के अन्य सभी हिस्सों में भाजपा की राजनीतिक शक्ति सिकुड़ रही है।”
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शरद पवार ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद राजनीतिक तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा, “भाजपा के सत्ता खोने का कारण सत्ता का दुरुपयोग है। उस पार्टी के फैसले आम आदमी को सशक्त नहीं बना रहे हैं।” बता दें कि पांच राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। अगले साल लोक सभा चुनाव भी कराए जाने हैं।