कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता चली गई है. इसके बाद उनका पहला रिएक्शन आया है. उन्होंने कहा है, मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है. मैंने अडानी का मुद्दा उठाया था और आगे भी उठाती रहूंगी.
महुआ मोइत्रा ने कहा कि कहीं भी किसी भी उपहार की नकदी का कोई सबूत नहीं है. निष्कासन की सिफारिश पूरी तरह से इस आधार पर है कि मैंने अपना पोर्टल लॉगिन साझा किया है. इसको नियंत्रित करने के लिए कोई भी नियम नहीं हैं.
संसद सदस्यता को लेकर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए उनका सांसद बना रहना उचित नहीं है.