CG Big News : छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट में प्रथम चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. यह लोकसभा सीट नक्सल प्रभावित होने की वजह से यहां शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराना पुलिस के लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ पिछले साढ़े 3 महीनों से चलाए जा रहे नयी रणनीति के तहत एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादी संगठन की कमर टूटी है और अब लगातार स्थानीय नक्सली संगठन छोड़ पुलिस के समक्ष सरेंडर कर रहे हैं.
सोमवार को भी दंतेवाड़ा जिले में 26 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया है. इसमें 1 लाख रुपये के ईनामी नक्सली भी शामिल है, इन नक्सलियों ने जिले में बढ़ते नक्सल विरोधी अभियान और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर व दंतेवाड़ा पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्रा टू अभियान से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है.
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छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट में प्रथम चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. यह लोकसभा सीट नक्सल प्रभावित होने की वजह से यहां शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराना पुलिस के लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ पिछले साढ़े 3 महीनों से चलाए जा रहे नयी रणनीति के तहत एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादी संगठन की कमर टूटी है और अब लगातार स्थानीय नक्सली संगठन छोड़ पुलिस के समक्ष सरेंडर कर रहे हैं. सोमवार को भी दंतेवाड़ा जिले में 26 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया है.
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इसमें 1 लाख रुपये के ईनामी नक्सली भी शामिल है, इन नक्सलियों ने जिले में बढ़ते नक्सल विरोधी अभियान और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर व दंतेवाड़ा पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्रा टू अभियान से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है.
नक्सलियों के ठिकाने पर लगातार जवान दे रहे दबिश
दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने जानकारी देते हुए बताया कि दंतेवाड़ा जिले में लगातार जवानों के द्वारा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है, और खासकर नक्सलियों के मांद में फोर्स नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकानों पर दबिश दे रही है.
पिछले साढ़े तीन महीने में अलग-अलग मुठभेड़ में दंतेवाड़ा जिले में चार नक्सली मारे गए है जिससे नक्सली संगठन बैकफुट पर हैं, और जिन स्थानीय लोगों को माओवादी संगठन ने अपने दलम में शामिल किया था वे लोग संगठन को छोड़ मुख्य धारा में लौट रहे हैं.
सोमवार को भी दंतेवाड़ा जिले के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय 26 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है ,जिनमें कुछ महिला नक्सली भी शामिल है साथ ही एक लाख की ईनामी नक्सली भी शामिल है. एसपी ने बताया कि इन सरेंडर नक्सलियों से माओवादी संगठन को लेकर जानकारी ली जा रही है और वर्तमान में दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के अलग-अलग सीमावर्ती इलाकों में कौन-कौन नक्सली कमांडर सक्रिय हैं उनकी भी जानकारी ली जा रही है, उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर करने से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है.
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एसपी गौरव राय ने बताया कि दंतेवाड़ा पुलिस के द्वारा जिले में लोन वर्रा टू (घर वापस आइये )अभियान भी चलाया जा रहा है, इसके तहत फोर्स गांव गांव में स्थानीय नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने की अपील कर रही है, और सरकार के पुनर्वास नीति का लाभ भी बता रही है, जिससे प्रभावित होकर लगातार स्थानीय नक्सली सरेंडर कर रहे हैं.
एसपी ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूरे जिले में अलर्ट जारी किया गया है और कोशिश की जा रही है कि मतदान से पहले और भी नक्सली आत्मसमर्पण करने के लिए आगे आएं, वहीं जिन मतदान केंद्रों में पहली बार चुनाव होना है वहां भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जा रहे है.
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दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में लगातार जवानों के द्वारा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है, और खासकर नक्सलियों के मांद में फोर्स नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकानों पर दबिश दे रही है.
पिछले साढ़े तीन महीने में अलग-अलग मुठभेड़ में दंतेवाड़ा जिले में चार नक्सली मारे गए है जिससे नक्सली संगठन बैकफुट पर हैं, और जिन स्थानीय लोगों को माओवादी संगठन ने अपने दलम में शामिल किया था वे लोग संगठन को छोड़ मुख्य धारा में लौट रहे हैं.
सोमवार को भी दंतेवाड़ा जिले के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय 26 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है,जिनमें कुछ महिला नक्सली भी शामिल है साथ ही एक लाख की ईनामी नक्सली भी शामिल है. एसपी ने बताया कि इन सरेंडर नक्सलियों से माओवादी संगठन को लेकर जानकारी ली जा रही है और वर्तमान में दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के अलग-अलग सीमावर्ती इलाकों में कौन-कौन नक्सली कमांडर सक्रिय हैं उनकी भी जानकारी ली जा रही है, उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर करने से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है.
एसपी ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूरे जिले में अलर्ट जारी किया गया है और कोशिश की जा रही है कि मतदान से पहले और भी नक्सली आत्मसमर्पण करने के लिए आगे आएं, वहीं जिन मतदान केंद्रों में पहली बार चुनाव होना है वहां भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जा रहे है.