रायपुर (CG Election) 03 नवंबर 2023। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांकेर में नक्सलियों के द्वारा की गई तीन लोगों की हत्या बेहद दुखद है नक्सलियों की कायरना हरकत है जिस पूर्व डॉ. रमन सिंह की नेतृत्व वाली सरकार जो प्रदेश में नक्सलवाद को बढ़ाने के लिये दोषी माना जाता है।
वो अब नक्सलवाद के नाम से घड़ियाल आंसू बहा रहे हैं। रमन सरकार की कायरता के चलते 15 साल तक बस्तर में खून की होली नक्सली खेलते रहे है। पूर्व रमन सरकार ने दक्षिण बस्तर के तीन ब्लाकों में सीमित नक्सलवाद को प्रदेश के 14 जिलों तक पहुंचाया है।
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प्रदेश भूला नहीं है। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए आये पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल को रमन सिंह ने वेतन लो और मौज करो की सलाह दिया था छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद जितने भी आदिवासियों की मौत नक्सली हमले में हुई है जवानों की शहादत हुई है विपक्षी नेताओं की हत्याएं हुई है उसके लिए सिर्फ रमन सरकार दोषी है। आज भाजपा किस मुंह से सरकार बनने पर नक्सलवाद को खत्म करने का दावा कर रही है जबकि भाजपा का एजेंडा आतंक को सरक्षंण देना और सहयोग करना रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की विश्वास विकास और सुरक्षा की नीति सेूं नक्सलवाद की कमर टूटी है देश मे छत्तीसगढ़ की पहचान अब विकास मॉडल के रूप में हो रही है।
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पूर्व की रमन सरकार ने खाद पानी देकर दक्षिण बस्तर के 3 विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद को 14 जिलों तक पहुंचाया था रमन सिंह का गृह जिला भी नक्सलवाद की गिरफ्त में पहुँच गया था। भाजपा की 15 साल की शासनकाल में छत्तीसगढ़ की पहचान देश मे नक्सलवाद थी जो अब बदल चुका है। अब यहाँ की न्याय योजनाओं की चर्चा होती आदिवासियों की विकास की चर्चा होती है बस्तर की मिलेट और कॉफी काजू की चर्चा होती है
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भूपेश सरकार बस्तर में नक्सल घटनाओं और शहादत में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। 2005 में 279 निर्दोष आदिवासियों की शहादत हुई थी, 2006 में 152, 2007 में 142। रमन सिंह के दौरान 15 साल में प्रतिवर्ष औसत 100 से अधिक निर्दोष आदिवासियों मारे जाते रहे। 2022 में यह संख्या घटकर 29 रह गई है।
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रमन सरकार के दौरान स्थानीय आदिवासियों को नक्सली बताकर फर्जी एनकाउंटर के अनेकों मामले उजागर हुए हैं। सारकेगुड़ा, एडसमेटा, पेद्दागेलुर के भीषण नरसंहार रमन राज में हुए। भाजपा के कुशासन में झलियामार, मीना खल्को, मड़कम हिडमें जैसे विभिन्न हत्या और दुष्कर्म की घटनायें हुयी। फर्जी मामले दर्ज कर हजारों निर्दोष आदिवासीयों को जेलों में बंद किया गया,
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जस्टिस पटनायक न्यायिक आयोग की रिपोर्ट भाजपा के प्रशासनिक आतंकवाद को प्रमाणित करता है, जिसके आधार पर सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों की रिहाई हुई है। सुशासन, समृद्धि और पूरे प्रदेश में भयमुक्त वातावरण भूपेश बघेल सरकार की पहली प्राथमिकता है।
भाजपा के रमन सिंह के कुशासन में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद नासूर बना, सुदूर दक्षिण बस्तर के 3 ब्लाकों से बढ़कर प्रदेश के 14 जिलों तक नक्सलवाद का प्रसार हुआ। पोडियम लिंगा, जगत पुजारा और धर्मेंद्र चोपड़ा जैसे नक्सल सप्लायरों के भारतीय जनता पार्टी कनेक्शन सर्वविदित हैं।
रमन सरकार के मंत्री, विधायक और सांसदों के नक्सलियों से साठगांठ के अनेकों समाचार पत्र पत्रिकाओं में उजागर हुए हैं। रमन सरकार के पूर्व मंत्री रहे लता उसेंडी और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के नक्सल नेताओं से निकटता भी सर्वविदित है।