धमतरी. प्रदेश की जीवनदायनी कहलाने वाला गंगरेल बांध पूरी तरह से लबालब होने की स्थिति में पहुंच चुका है. केचमेंट एरिया में मूसलाधार बारिश के बाद पानी के भारी आवक से जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है. पानी के इस आवक को देखते हुए ऐहतियात के तौर पर बांध से पानी का डिस्चार्ज शुरू कर दिया गया है. ग्यारह हजार क्यूसेक से भी अधिक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है.
गौरतलब है कि बारिश का सीजन शुरू होने के बाद गंगरेल बांध का केचमेंट एरिया बारिश के लिए तरस रहा था. लेकिन पिछले दस दिनों में हालात एकदम से बदल चुका है. केचमेंट एरिया में रुक रुककर हुए बारिश से एक सप्ताह के भीतर ही लगभग चौदह टीएमसी पानी का इजाफा हुआ है. कुल 32.150 टीएमसी क्षमता वाले गंगरेल बांध में शनिवार की शाम तक लगभग 29 टीएमसी पानी का भराव हो चुका था, जिसके बाद तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया.
इसके बाद देर रात से सुबह तक फिर हुए झमाझम बारिश से पानी की आवक में भारी इजाफा होने लगा. दोपहर एक बजे 1 लाख 43 हजार क्यूसेक पानी की आवक होने लगी और जलस्तर 348 मीटर को पार कर गया. पानी के इस भारी आवक को देखते हुए अपरान्ह 3.15 बजे बांध के सभी रेडियल गेट खोल दिये गए. रेडियल गेट से करीब 10 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है.
शाम 4 बजे पेनस्टॉक यूनिट से भी 1650 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज शुरू कर दिया गया. इस तरह लगभग साढ़े 11 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज नदी में किया जा रहा है. शाम पांच बजे केचमेंट एरिया से 39 हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी और बांध में कुल जलभराव 30 टीएमसी से भी अधिक हो गया था. आवक को देखते हुए नदी में पानी का डिस्चार्ज बढ़ाया जा सकता है.