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Chhattisgarh: कांग्रेस विधायक ने साधा निशाना- लोकसभा चुनाव खत्म होते ही छत्तीसगढ़ की जनता को बिजली का झटका…

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों को बिजली का झटका देते हुए उसके रेट बढ़ा दिए यही नहीं बस्तर संभाग को टॉवर लगाने में मिलने वाली 50 प्रतिशत सब्सिडी को भी आधा कर दिया है वहीं किसानों के बिजली दर भी बढ़ा दिए हैं। इसपर कांग्रेस के खरसिया विधायक ने प्रतिक्रिया देते हुए जनता के साथ धोखा और अत्याचार बताया है।

छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती और बिजली दरों में वृद्धि से उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी की विष्णु देव सरकार ने घरेलू, गैर घरेलू और कृषि पंपों के लिए बिजली दरों में वृद्धि करके छत्तीसगढ़ की जनता पर महंगाई का बड़ा बोझ डाल दिया है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। जगह-जगह बिजली कटौती और बिजली बिल में वृद्धि को लेकर जन चर्चा बनी हुई है।

इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और खरसिया के विधायक उमेश पटेल ने बिजली कटौती और बिजली बिल में बढ़ोतरी को लेकर भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उमेश पटेल ने कहा कि जब-जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी है, तब-तब बिजली कटौती की समस्या उत्पन्न हुई है।

उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में प्रदेश के अधिकांश शहरों और ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती से लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। भाजपा सरकार ने जनता को राहत देने के बजाय बिजली दरों में वृद्धि करके न केवल छत्तीसगढ़ की जनता को धोखा दिया है, बल्कि गरीबों और किसानों के साथ अत्याचार किया है।

उमेश पटेल ने कांग्रेस सरकार के दौरान लागू की गई बिजली बिल हाफ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ गरीबों और किसानों को मिला था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद करके जनता की जेब पर डाका डाल दिया है।

श्री पटेल ने कहा कि बिजली के मामले में संपन्न छत्तीसगढ़ प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच प्री-मेंटेनेंस के नाम पर बिजली व्यवस्था को सुधारने के बजाय सरकार ने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि थोड़ी सी हवा चलते ही घंटों बिजली बंद हो जाती है। भीषण गर्मी में ग्रामीण इलाकों में प्रतिदिन तीन से चार घंटे बिजली गुल रहती है।

किसानों को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि भीषण गर्मी में कृषि पंपों से समय पर पानी न मिलने के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं और अब कृषि पंप की दरों में वृद्धि करके विष्णुदेव साय की सरकार किसानों को लूटने का काम कर रही है।

उमेश पटेल ने कहा कि भाजपा ने छोटे उपभोक्ताओं तक को नहीं बख्शा है। सरकार का दायित्व जनता को राहत देना होता है, लेकिन बिजली के दाम बढ़ाना और आम जनता को लूटना ही इस सरकार की असली नीति है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने घरेलू बिजली की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी कर दी है। इससे आम उपभोक्ता तो प्रभावित हुआ ही है, किसान से लेकर रेलवे और कॉर्पोरेट तक पर बढ़ी हुई दरों की मार पड़ी है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने किसानों को मिलने वाली बिजली में 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी कर दी है। रेलवे को दी जा रही लोड फैक्टर रीबेट को भी खत्म कर दिया गया है। यानी, उसके लिए भी बिजली महंगी होगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार को बढ़ावा देने के लिए टॉवर लगाने पर बिजली बिल में 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही थी। उसे भी कम कर 25 फीसदी कर दिया गया है। ये सारी दरें 1 जून से लागू होंगी। यानी बढ़ी हुई दरों का बिल जुलाई में लोगों तक पहुंचेंगे।

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