Chhattisgarh: काम बंद हड़ताल को अवैध घोषित कर अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की…

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रायपुर: किसान मजदूर संघ ने अधिकारी और कर्मचारियों के काम बंद हड़ताल को अवैध घोषित कर कार्यवाही की मांग की है. किसान मजदूर संघ का कहना है कि आम जनता का कार्य निर्धारित समय में निपटारा नहीं करने और सम्मानजनक व्यवहार नहीं करने तथा आम जनता के प्रार्थना पत्रों पर बिना रिश्वत के निराकरण नहीं करने वालो को पुरानी पेंशन योजना से पुरूस्कृत करना जनहित के विरुद्ध और राजकोष को आर्थिक क्षति पहुंचाने का तुगलकी निर्णय है।

जबकि म.प्र. शासन के द्वारा विवेकपूर्ण निर्णय लेकर शासकीय सेवकों के पुरानी पेंशन के मांग को स्वीकार नहीं कर विशेषज्ञों की कमेटी गठित की गई है। परंतु कांग्रेस पार्टी की सरकार के द्वारा सनक में अविवेकपूर्ण निर्णय लिया गया है। राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा दिनांक 25.07.2022 को केन्द्र सरकार के समान गृह भत्ता एवं मंहगाई भत्ता के भुगतान की मांग को लेकर किया गया हड्ताल अवैधानिक है।

क्योंकि केन्द्र सरकार के अधिकारियों /कर्मचारियों की पदस्थापना अंतर प्रांतीय किया जाता है। जबकि राज्य के अधिकारियों /कर्मचारियों की पदस्थापना राज्य के अंतर्गत और अनेकों अधिकारियों/कर्मचारियों का पदस्थापना उनके गृह जिले एवं गृह नगर में भी है। केन्द्र सरकार के घोषित अवकाश की तुलना में राज्य शासन का घोषित अवकाश में बहुत अधिक अंतर है।

केन्द्र सरकार के वेतनमान एवं गृह भत्ता व मंहगाई भत्ता के अनुरूप मांग किया जाना अनुचित और अवैधानिक है। इसलिए इस काम बंद हड़ताल को अवैध घोषित कर अधिकारियों /कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना जनहित में आवश्यक है।

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