गरियाबंद: जिला अधिकारी (डीईओ) डी.एस. चौहान को स्कुल शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। डीईओ चौहान के विरूध्द जिले में पदोन्नति में सेटिंग, शिक्षको के अनियमित पदस्थापना, 9 साल से अनुपस्थित कर्मचारी को पुनः कार्यभार देने तथा निलंबित शिक्षक को नियम विरूध्द बहाल कर तबादला करने की शिकायत की गई थी। इन सभी मामलो में उन पर लेने देने के आरोप भी लगे थे। जिला स्तरीय जांच कमेटी के रिपोर्ट के आने के बाद स्कुल शिक्षा विभाग के अपर सचिव आरपी वर्मा ने सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी डी एस चौहान को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है।
ज्ञात हो कि डीईओ के भ्रष्टाचार के खेल में जिले के अधिकांश स्कुल एकल शिक्षकीय हो गए थे। डीईओ द्वारा पदस्थपना के दौरान चहेतो को लाभ पहुचाने बड़ा खेल किया, काउंसलिंग में रिक्त स्थानो को विलोपित कर दिया जिससे चलते चहेतो का मनमर्जी जगह मिल गई।
इसके अलावा 9 साल से प्राइमरी स्कुल नवागढ़ में अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षक गैंदलाल ध्रुव को लेन देन कर कार्यभार दे दिया वही निलंबित शिक्षक उमेन्द्र साहू को बहाल कर देवभोग ब्लाक से दूसरे ब्लाक में तबादला कर दिया था। मामले को लेकर लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियो ने शिकायत की थी, वही शिक्षा विभाग के शिक्षको और मुखबिरो ने भी इस मामले को शिक्षा विभाग के बड़े अफसरो तक अच्छे से परोसा था जिसके चलते डीईओ पर निलंबन की गाज गिरी है।
इधर डीईओ के निलंबन के बाद अब जिले में खेलगढ़िया मे हुए भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए गए डीएमसी के विरूध्द भी कार्यवाही की गाज गिरने का इंतजार लोग कर रहे है। अब तो सवाल भी उठने लगे है कि चार महिने पुराने मामले में तो शिक्षा विभाग ने तत्परता दिखाते हुए कार्यवाही कर दी लेेकिन चार साल पुराने मामले में कार्यवाही को लेकर आखिर क्या कारण है कि शिक्षा विभाग के अफसरो के हाथ क्यो काप रहे है।