राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ के राज्य कर विभाग (GST विभाग) की टीम ने राजनांदगांव में फेन्नी इंटरप्राइजेज नाम की फर्म पर छापा मारा है। जांच में पाया गया कि फर्म गुजरात से बेस ऑयल मंगाकर उसे ट्रकों में डीजल के रूप में सस्ते दामों में बेच रही थी। यह कार्रवाई आयुक्त पुष्पेन्द्र मीणा के निर्देशन में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा की गई।
फेन्नी इंटरप्राइजेज का मालिक गुजरात का रहने वाला है। उसने एक बंद ढाबे को किराए पर लेकर चार कमरों में 4000-4500 लीटर प्रति टंकी की क्षमता वाली 9 टैंक रखी थी। इनकी कुल क्षमता 40,000 लीटर थी। एक कमरे में पंप और मीटर लगाकर लोगों को डीजल बताकर यह ऑयल बेचा जाता था। जबकि जीएसटी विभाग को बेस ऑयल बताकर खरीदी-बिक्री दिखाई जाती थी।
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पेट्रोलियम कंपनी का डीजल 95 रुपए प्रति लीटर है। जबकि यहां 70 रुपए प्रति लीटर में बेचा जा रहा था। बेस ऑयल पर स्टेट जीएसटी 9% लगता है। जबकि डीजल पर 23% वैट लगता है। इस तरह सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था।
बेस ऑयल सिर्फ उद्योगों में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस फर्म ने उसे वाहनों में इस्तेमाल के लिए डीजल की तरह बेचा, जो कानूनन गलत है। बेस ऑयल के इस्तेमाल से वाहनों के इंजन खराब हो सकते हैं, और इससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान होता है।
जब टीम छापा मारने पहुंची, तो वहां दो ट्रक ड्राइवर डीजल भरवाने आए थे। उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि उन्हें यही बताया गया था कि ये डीजल है और वो इसी वजह से यहां भरवाने आए थे, क्योंकि बाकी जगह से सस्ता मिल रहा था।
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जांच में सामने आया कि पिछले साढ़े तीन सालों में इस फर्म ने करीब 64 करोड़ रुपए का बेस ऑयल खरीदा। इसमें से 19 करोड़ रुपए का माल महाराष्ट्र भेजा गया, जबकि करीब 45 करोड़ रुपए का तेल छत्तीसगढ़ में ही डीजल के रूप में ट्रकों को बेचा गया।