बालोद: जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. प्रज्ञा पचौरी ने जिले के एक गांव में महिला से सामूहिक दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या करने के मामले में तीन आरोपी ओमप्रकाश, नीरज कुमार व गुलशन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। धारा 450/34 के आरोप में तीनों को 10 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदंड, धारा 376 (घ) के आरोप में आजीवन कारावास व 20 हजार अर्थदंड और धारा 302 के आरोप में आजीवन कारावास व 20 हजार अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय लिया गया है।
वहीं धारा 201 के आरोप में 7 वर्ष का कारावास और एक हजार अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण की पैरवी शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक भगवती प्रसाद साहू ने की। साहू के अनुसार प्रार्थी कामेश्वर दास मानिकपुरी ने 16 सितंबर 2018 को सूचना दिया कि गांव के एक घर से बदबू आ रही है।
घर का दरवाजा बाहर से बंद है एवं ताला लटका हुआ है। जिसके बाद गांव के सरपंच, पंच व अन्य ग्रामीणों ने दरवाजा खोलकर देखा तो महिला कमरे के खाट पर मृत अवस्था में पड़ी हुई थी। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने घर के दरवाजे में लगे ताले एवं दीवार के किनारे पड़ी खाली शराब की बोतल जब्त कर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।
इस दौरान गवाहों से जानकारी मिली कि घटना के दौरान रामधुनी का कार्यक्रम चल रहा था।नाली के पास गुलशन एवं ओमप्रकाश गांजा पी रहे थे। इसी दौरान आरोपी नीरज आया और शराब पीने की बात कही। गांजा व शराब पीने के बाद तीनों महिला के घर गए। दरवाजे को खटखटाने पर महिला उठी। जिसके बाद अनैतिक कार्य कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया। गांव के एक व्यक्ति को तीनों ने घटना के बारे में किसी को जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।