मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: (MCB) जिले के चपलीपानी गांव में हनुमान जी के नाम पर 5 एकड़ 27 डिसमिल जमीन है। मनेंद्रगढ़ से 55 किलोमीटर दूर घने जंगल में चपलीपानी का हनुमान मंदिर स्थित है। ये मंदिर प्रसिद्ध जटाशंकर धाम जाने वाले रास्ते में पड़ता है, जहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।
चपलीपानी के हनुमान मंदिर की खास बात ये है कि इसके आसपास की 5 एकड़ 27 डिसमिल जमीन श्री महावीर स्वामी यानी हनुमान जी के नाम पर है। इसके लिए बकायदा नायब तहसीलदार ने 21 जनवरी 2003 को भू स्वामी होने का पट्टा जारी किया था। तब से लेकर अब तक पिछले 20 सालों से भी अधिक समय से हनुमान जी जमीन के मालिक बने हुए हैं। अधिकतर मंदिरों में जमीन या प्रॉपर्टी मंदिर ट्रस्ट के नाम पर रहती है, लेकिन ग्राम पंचायत सोनहरी के आश्रित ग्राम चपलीपानी में जमीन बजरंगबली के नाम पर है।
इस तरह भगवान के नाम पर दर्ज हुई जमीन
चपलीपानी स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी बाबा शिवदास से हनुमान जी के नाम पर दर्ज जमीन के बारे में बात करने पर उन्होंने बताया कि यह तपोभूमि है। यहां संतों ने तपस्या की है। उन्होंने बताया कि सन् 1962 में फलाहारी बाबा यहां आए। उस समय यहां घनघोर जंगल था। वे हनुमान जी के बड़े भक्त थे। बाबा ने फल-फूल खाकर यहां वर्षों तक तपस्या की। बाद में उन्हें शारीरिक कष्ट होने पर श्रद्धालु उन्हें मनेंद्रगढ़ ले गए।
बाबा शिवदास ने बताया कि 21 जनवरी 2003 को जब यहां राजस्व विभाग के अधिकारी पहुंचे, तो सड़क नहीं होने के चलते उन्हें यहां तक पहुंचने में काफी समय लग गया। यहां पर उन्हें फलाहारी बाबा मिले। अधिकारियों ने बाबा से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि वे जंगल में अकेले रहकर हनुमान जी की पूजा करते हैं। इसके बाद अधिकारी बोले कि हम आपके नाम यह जमीन कर देते हैं, यहां अपना आश्रम और मंदिर बना लीजिए। इससे फलाहारी बाबा ने इनकार कर दिया और कहा कि आप ये जमीन हनुमान जी के नाम कर दीजिए। इसके बाद ये जमीन भगवान के नाम पर दर्ज कर दी गई।
ये जमीन जो खसरा नंबर- 6 में है, उस समय मनेंद्रगढ़ तहसील के कार्य के अनुसार हलका नंबर- 1 में दर्ज है। वर्तमान में ये जमीन केल्हारी तहसील में हलका नंबर- 12 में दर्ज है। इधर केल्हारी तहसीलदार नीरज कांत ने कहा कि निजी भूमि ही भगवान के नाम पर दान की जा सकती है। शासकीय जमीन छोड़कर पट्टे की निजी जमीन भगवान के नाम पर दान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चपलीपानी में कैसे महावीर स्वामी के नाम पर जमीन दर्ज की गई, इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
चपलीपानी के हनुमान जी के मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी श्रद्धा है। यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है। हालांकि लोगों का कहना है कि सड़क नहीं होने से उन्हें परेशानी होती है।