Chhattisgarh: नौ नक्सलियों ने आईईडी व विस्फोटक के साथ किया आत्मसमर्पण…

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बलरामपुर: बलरामपुर जिले के सामरी थाना क्षेत्र व उससे लगे झारखंड में सक्रिय रहने वाले नौ नक्सलियों ने बलरामपुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से तीन नक्सलियों ने एक-एक भरमार बंदूक तथा एक नक्सली ने आईईडी व विस्फोटक के साथ आत्मसमर्पण किया है।

इनमें से अधिकांश नक्सली, हथियार चलाने में पारंगत है।नक्सली दस्ते में संतरी ड्यूटी करने के साथ सुरक्षा बलों से मुठभेड़ और आईईडी लगाने में भी अधिकांश आत्मसमर्पित नक्सली पारंगत है।समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों को पात्रतानुसार शासन की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।इसके पहले सात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।

बलरामपुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि झारखंड के बूढ़ा पहाड़ से लगे बलरामपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार सचिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। अभियानों के दौरान पूर्व में बलरामपुर पुलिस द्वारा थाना सामरीपाठ क्षेत्र में नक्सलियों के द्वारा पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जमीन के अंदर प्लांट किए गये भारी मात्रा में आईईडी एवं अन्य विस्फोटक समाग्री बरामद किया गया था।

बलरामपुर पुलिस की नक्सलियों के विरुद्ध लगातार की जा रही कार्रवाई एवं सर्चिंग अभियान के दबाव एवं थाना सामरीपाठ क्षेत्रांतर्गत ग्राम पुन्दाग एवं भूताही मोड़ में नवीन कैम्प खुलने तथा नक्सल क्षेत्रों में सामाजिक गतिविधियों के अंतर्गत पहुंचविहिन नक्सल क्षेत्रों में लगातार चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों से प्रभावित होकर पूर्व में सात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।

इस बार नौ नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में जुडऩे अलग-अलग माध्यमों से पुलिस से संपर्क किया। अनुकूल माहौल मिलने के कारण मंगलवार को नौ नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित नक्सली बलरामपुर जिले के सामरी थाना क्षेत्र के ग्राम पुन्दाग, पचफेड़ी, चुनचुना, पिपरदाबा के निवासी हैं। ये सभी नक्सली, सामरी थाना क्षेत्र व सीमावर्ती झारखंड में सक्रिय नक्सली कमाण्डर स्पेशल एरिया कमेटी विमल यादव एवं रीजनल कमेटी के कम्पनी कमाण्डर नवीन यादव, शेखर कोरवा, जगदीश बूढ़ा, विनय, बीरसाय, रवि आदि कमाण्डर के साथ मिलकर काम कर चुके हैं।इन सभी ने झारखंड के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में नक्सली संगठन के साथ मिलकर लगातार कार्य किया है।

आईईडी लगाने के साथ संतरी ड्यूटी,भोजन बनाने तथा पुलिस बल पर हमले की घटनाओं में भी कुछ नक्सली शामिल रहे है।पुलिस और सुरक्षाबलों के बढ़े दबाब के कारण ये सभी पिछले कुछ समय से लुक-छिप कर निवास कर रहे थे। अलग-अलग माध्यमों से इन्होंने पुलिस से संपर्क कर आत्मसमर्पण किया है।

आत्मसमर्पित नक्सलियों में शामिल सुनवा कोरवा द्वारा एक किलोग्राम के आईईडी, विस्फोटक तथा नक्सली मिथलेश, अजय व जंगली कोरवा द्वारा एक-एक भरमार बंदूक के साथ आत्म समर्पण किया गया है। नक्सली अखिलेश उर्फ अजय कोरवा ने पुलिस को बताया कि वह चुनचुना पचफेड़ी पारा का रहने वाला है। कक्षा पांचवीं तक पुंदाग आश्रम में रहकर पढ़ाई भी किया है।

सन् 2008 में नक्सलियों ने डरा धमकाकर उसे अपने साथ ले गए थे। उस समय नक्सली कमाण्डर विनय, शेखर , जगदीश , विश्वनाथ , रवि और गांव से उसके साथ बीरसाय था। वर्ष 2017-18 में संगठन छोड़कर भाग कर आ गया था। संगठन में उसे सेमीआटोमेटिक रायफल दिया गया था।उसका कहना है कि एक बार पहले भी वह भाग कर आया था।उस दौरान नक्सली संगठन के लोगों ने फिर से डरा धमकाकर अपने साथ कर लिया था।

अखिलेश ने बूढ़ा पहाड़ ने एक माह का प्रशिक्षण भी लिया था। पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले सभी नौ नक्सलियों ने नक्सली संगठन में शामिल होने की अपनी अलग -अलग कहानी भी पुलिस को बताई है। पुलिस को जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक नक्सलियों द्वारा जहां ट्रेनिंग कैंप चलाया जाता है या कई दिनों तक शरण लेते हैं।

उस क्षेत्र के आसपास जमीन में खोदकर आईईडी डाल दिया जाता है ताकि सुरक्षा बल के अधिकारी जवान क्षेत्र में आए तो उन्हें न सिर्फ नुकसान हो बल्कि नक्सलियों को भागने का भी मौका मिल सके। आत्मसमर्पित नौ नक्सलियों में से एक जब नक्सली संगठन में शामिल हुआ था तब उसकी आयु कम थी, नक्सली उसका उपयोग भोजन बनाने में किया करते थे। 

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