Chhattisgarh: तीन बिजली घरों पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाई 25 लाख पैनालटी

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कोरबा: नियम का पालन करने के बजाय धज्जियां उड़ाने को लेकर कोरबा जिले में पर्यावरण संरक्षण मंडल सख्त हो गया है। बिजली घरों में कोयला का उपयोग करने के बाद निकलने वाली फ्लाई ऐश के सुरक्षित भंडारण से जुड़े मामले में उसके द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। कोरबा जिले के तीन औद्योगिक उपक्रमों को उसने निशाने पर लिया है। इस तरह की कार्रवाई को आगे भी जारी रखने की बात कही गई है।

पर्यावरण संरक्षण करने का काम केवल नारे, पेंटिंग और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं के सहारे नहीं हो सकता बल्कि सबसे जरूरी शर्त यही है कि इसके लिए प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाए। यह प्रदूषण है वायु, ध्वनि और पानी से संबंधित। कोरबा जिले में यह तीनों ही प्रकार के प्रदूषण अलग-अलग क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं और इसके कारण जनता परेशान है।

प्रदूषण को नियंत्रित करने से लेकर निगरानी किए जाने की जिम्मेदारी सरकार ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को दे रखी है। कोरबा स्थित क्षेत्रीय अधिकारी परमेंद्र पांडे ने बताया कि तमाम तरह की कोशिश के बावजूद कोरबा में वायु प्रदूषण की रफ्तार बेलगाम है। एनटीपीसी सीएसईबी आर बालको उद्योग में इस तरह की स्थिति सामने आई है। हमारे विभाग में गंभीर लापरवाही को पकडऩे के साथ इन तीनों उद्योगों के विरुद्ध 25 लख रुपए की पेनल्टी लगाई है।

कोरबा जिले में एनटीपीसी सीएसईबी और भारत अल्युमिनियम कंपनी के बिजली घर संचालित है यहां पर बिजली उत्पादन करने के लिए हर दिन डेढ़ लाख तन से भी ज्यादा कोयला की खपत होती है। बिजली निर्माण के पश्चात रख के रूप में कोयल की काफी मात्रा उत्सर्जित होती है जिसे सुरक्षित रूप से स्टोरेज करने की जिम्मेदारी संबंधित उद्योगों की है।

फ्लाई ऐश के साथ प्रतिशत समाधान के लिए प्रशासन ने बिजली घरों के प्रबंधन को निर्देशित किया है। लेकिन देखने को मिल रहा है कि फ्लाई ऐश पॉन्ड्स के साथ-साथ ट्रांसपोर्टिंग की व्यवस्था में नियम को हाशिये पर किया जा रहा है और मनमाने तरीके से फ्लाई ऐश की डंपिंग की जा रही है। समय-समय पर इस प्रकार की शिकायतें सामने आती रही है और इसे लेकर लोग नाराजगी जताते रहे हैं। ऐसे प्रकरणों में पर्यावरण संरक्षण मंडल ने शक्ति दिखाने की कोशिश की है और कार्रवाई को आगे भी जारी रखने की घोषणा की है।

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