रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस ले रहे है.कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कड़े तेवर दिखाए और कहा, योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. “किसानों को बेवजह दफ्तर के चक्कर न लगवाएं”.”राजस्व प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करें”.”किसी भी जिले से भ्र्ष्टाचार की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी”. “कामों को टालने वाली पुरानी व्यवस्था तत्काल बदलें”, पुलिस और प्रशासन के कामों पर मैं स्वयं नजर रख रहा हूं, “कलेक्टर एसपी को और अधिक मेहनत करने की जरूरत”, नागरिकों के काम समय सीमा में होने चाहिए. आगे मुख्यमंत्री साय ने कहा, कलेक्टर एसपी की तारीफ जनता के द्वारा शासन तक पहुंचनी चाहिए, डीएमएफ का उपयोग क्षेत्र के विकास के लिए होना चाहिए, पहले डीएमएफ का बहुत दुरुपयोग हुआ है, डीएमएफ का दुरुपयोग होने पर सख्त कार्रवाई होगी.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव की उपस्थिति में आज सवेरे यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में सतत् योजना के अंतर्गत कम्प्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
यह त्रिपक्षीय एमओयू भारत सरकार के उपक्रम भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड तथा राज्य के नगर पालिक निगम रायपुर और भिलाई तथा छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के मध्य किया गया। छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा नगरीय ठोस अपशिष्ट से जैव ईंधन के उत्पादन की अपार संभावनाओं को देखते हुए इसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा था। भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड ने रायपुर और भिलाई में कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना में इच्छा जाहिर की है।
राज्य में इन दो संयंत्रों में लगभग 100 करोड़ रुपए का निवेश भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 100 से 150 टीपीटी होगी। इस एमओयू से राज्य में लगभग 200 से 250 मीट्रिक टन नगरीय ठोस अपशिष्ट का उपयोग प्रतिदिन जैव ईंधन के उत्पादन में किया जाएगा। संयंत्र के निर्माण के दौरान भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इससे राज्य में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 60 हजार मानव दिवस प्रति प्रतिवर्ष रोजगार का सृजन होगा। सभी कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में पूर्ण क्षमता से उत्पादन एवं विक्रय होने पर राज्य को प्रतिवर्ष 20 लाख रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। संयंत्र में सह-उत्पाद के रूप में जैविक खाद होगा। इससे छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों की स्थापना छत्तीसगढ़ ग्रीन वार रूम की दिशा में एक सुदृढ़ कदम साबित होगा।