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CM Yogi Adityanath: स्वतंत्रता के लिए भगत सिंह का त्याग और समर्पण सदा अमर रहेगा…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने क्रांतिकारी व स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती पर शनिवार को उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आजादी के लिए उनका त्याग और समर्पण सदा अमर रहेगा।

आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व वीर क्रांतिकारी भगत सिंह की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! उन्होंने कहा कि मां भारती की स्वतंत्रता के लिए उनका त्याग व समर्पण सदा अमर रहेगा।

आदित्यनाथ ने कहा, भारत की एकता-अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए उनका अतुल्य बलिदान सदियों तक हमें प्रेरित करता रहेगा। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में शहीद भगत सिंह के विचारों को साझा करते हुए लिखा, मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की ही खुशबू आएगी।

मौर्य ने कहा, ह्लअनन्त सम्मान के साथ भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन! उनका साहस, उनका जज्बा, उनकी शहादत- हमेशा हमें अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाती है। दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने ‘एक्स’ खाते पर लिखा, ह्लभारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले, युवाओं में क्रांति की ज्वाला जलाने वाले, मां भारती के वीर सपूत, अमर बलिदानी सरदार भगत सिंह जी की जयंती पर कोटिश? नमन।

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने ‘एक्स’ पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा भगत सिंह को दी गयी श्रद्धांजलि का संदेश साझा किया है, जिसमें वाद्रा ने कहा कि ”शहीद-ए-आजम भगत सिंह जी ने अपने विचारों और शहादत के जरिये पूरे देश को जागृत किया।”

इसी पोस्ट में उन्होंने कहा कि ”वे न सिर्फ अन्याय के विरुद्ध डटकर खड़े हुए बल्कि सर्वोच्च बलिदान देकर देश को आजादी, लोकतंत्र और न्यायपूर्ण व्यवस्था के लिए प्रेरित किया।” वाद्रा ने कहा कि ”आज जब देश की सारी संपत्ति चंद लोगों के हाथ में एकत्र हो रही है और जनता पर अन्याय बढ़ रहा है, शहीद भगत ंिसह के विचार और प्रासंगिक हो गए हैं। शहीद-ए-आजम को शत-शत नमन।”

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के एक सिख परिवार में लायलपुर के बंगा गांव (अब पाकिस्तान) में हुआ था। भगत ंिसह को अंग्रेज़ी हुकूमत ने महज 23 वर्ष की उम्र में 23 मार्च 1931 को फांसी दे दी थी।

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