नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित एम्स का सर्वर हैक हुए कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी इसे दुरुस्त नहीं किया जा सका है। इस बीच, हैकरों ने एक और संस्थान को निशाना बनाने की कोशिश की है। इस बार इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की वेबसाइट पर साइबर अटैक हुआ है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के एक सरकारी अधिकारी ने बताया, “30 नवंबर को, साइबर हैकर्स ने 24 घंटे की अवधि में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की वेबसाइट पर 6000 से अधिक बार हमला करने की कोशिश की।”
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हमलावरों के बारे में पूछे जाने पर, अधिकारी ने बताया कि ICMR वेबसाइट पर हमलों की सीरीज हॉन्गकॉन्ग स्थित ब्लैक लिस्टेड आईपी एड्रेस 103.152.220.133 से की गई थी। मनीकंट्रोल के अनुसार, अधिकारी ने आगे बताया, ”साइबर अटैक की कोशिश करने वाले हैकर्स हैक करने में सफल नहीं हो सके। उन्हें रोक दिया गया था। हमने अपनी टीम को इस बारे में अलर्ट भी कर दिया। अगर फायरवॉल में कुछ खामियां होतीं, तो हमलावर वेबसाइट की सुरक्षा में सेंध लगाने में सफल हो सकते थे।”
बता दें कि सरकारी संगठनों को ऑपरेटिंग सिस्टम के सुरक्षा पैच को अपडेट करने की सलाह दी गई है। अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य संगठनों में रोगी सूचना प्रणाली हैकर्स के लिए शीर्ष संभावित टारगेट में से एक रही है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर साइबर हमले 2020 से बढ़ रहे हैं।”
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बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) जैव चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और प्रचार के लिए भारत की टॉप बॉडी, दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा अनुसंधान बॉडीज में से एक है। ICMR ने हमेशा एक ओर जैव चिकित्सा अनुसंधान में वैज्ञानिक प्रगति पर काम किया है, तो दूसरी ओर देश की स्वास्थ्य समस्याओं के व्यावहारिक समाधान खोजने की कोशिश की है।
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सर्वर पिछले कई दिनों से ठप है। इस घटना की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इफ्सो ने एम्स के प्रभावित सर्वर की फॉरेंसिक इमेज को जांच के लिए लिया है। इसके माध्यम से पुलिस सर्वर हैकिंग का खुलासा करेगी। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अभी तक इस हैकिंग के पीछे चीन में बैठे हैकर्स का हाथ होने के संकेत मिले हैं। फिलहाल फॉरेंसिक इमेज से इस बात का खुलासा होगा। इसके अलावा एम्स के मरीजों का डेटा हैक कर डार्क वेब पर भी बेचने की बात सामने आई है। फिलहाल पुलिस इन सभी दृष्टिकोण से जांच कर रही है।
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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि देश के शीर्ष अस्पतालों में शुमार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर हुआ साइबर हमला कोई सामान्य घटना नहीं हैं बल्कि एक षडयंत्र है, जिसमें किसी देश की सरकार भी शामिल हो सकती है। चंद्रशेखर ने इलेक्टॉनिक निकतेन स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बात कही। एम्स पर हुए साइबर हमले से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, ”यह कोई सामान्य घटना नहीं है। मैंने इस बारे में ज्यादा पड़ताल नहीं की है। भारतीय कम्प्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) और पुलिस इस मामले की तहकीकात कर रहे हैं।”