Deepotsav in Ayodhya : अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हिस्सा लिया. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक, ये सौभाग्य रामजी की कृपा से ही मिलता है.
जब श्रीराम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और दृढ़ हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम, मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं. मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी,और मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है. राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते हैं. राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते. इसलिए, राम, भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयं सिद्ध हो जाते हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है. इन पंच प्रांणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य. आज अयोध्या नगरी में, दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है, श्रीराम से सीखना है.